योगी आदित्यनाथ के बयान पर राज ठाकरे ने किया पलटवार

महाराष्ट्र के तेजतर्रार नेता राज ठाकरे और उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अगर आमने-सामने हो तो आने वाले दिनों में राजनीति की नई दिशा तय होने में देर नहीं लगेगी। वो भी मुद्दा जब प्रवासी मजदूरों के हितों की रक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सबसे बड़ा ऐलान कर दिया है। तो उस पर पलटवार करते हुए राज ठाकरे ने अपने सबसे पसंदीदा मुद्दे पर खोई हुई राजनीति को फिर से तलाशने में जुट गए है।

इससे पहले विवाद तब शुरु हुआ जब शिवसेना के सांसद संजय राउत ने प्रवासी मजदूरों को घर वापसी में आ रही दिक्कतों का हवाला देकर योगी आदित्यनाथ को हिटलर कहते हुए तंज कसा। तो जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा भूखा बच्चा भी जब रोता है तो अपने मां को खोजता है।

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट के समय यूपी के मजदूरों के साथ सौतेला मां जैसा व्यवहार भी नहीं किया। जिससे इन मजदूरों को वापस यूपी आने के लिये मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि किसी राज्य को यूपी के प्रवासी मजदूरों की वापसी चाहिये तो अनुमति उनसे लेनी होगी।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी यह बात ध्यान रख लें कि प्रवासियों को अब महाराष्ट्र आने से पहले इजाजत लेनी चाहिए, इसके साथ ही राज ठाकरे ने उद्धव सरकार से एक अपील भी की। मनसे प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को पुलिस स्टेशन में प्रवासी मजदूरों का रिकॉर्ड बनाना चाहिए, जिसमें उनकी तस्वीर भी हो।

जिसके बाद आग-बबूला राज ठाकरे ने यहां तक कह दिया कि इन प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में आने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। राज ठाकरे यहीं नहीं रुके बल्कि कहा कि सभी पुलिस स्टेशनों पर अब प्रवासी मजदूरों की तस्वीर लगनी चाहिये। उन सबका रिकार्ड रखा जाना चाहिये।