कोरो’ना को ठीक करने के दा’वे के साथ लां’च की गई बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दवा को’रोनिल के प्र’चार-प्रसा’र पर केंद्र सरकार ने रो’क लगा दी है। सरकार ने इस द’वा के लिए किए जा रहे दा’वों की जां’च करने का फैस’ला किया है।
आयुष मंत्राल’य ने पतंजलि को चे’ता’वनी दी है कि ठो’स वैज्ञा’निक सबू’तों के बिना को’रोना के इला’ज का दावे के साथ दवा का प्रचा’र-प्रचार किया गया तो उसे ड्र’ग एंड रेमेडी’ज (आ’पत्तिजन’क विज्ञा’पन) का’नून के तहत संज्ञे’य अपरा’ध माना जाएगा।
बाबा को बुख़ार भी हो जाये तो MBBS,MD
डाक्टर से इलाज कराते है,इनका नेपाली पार्टनर खुद AIIMS में एडमिट होता है
दोनों मिलकर कैंसर सहित सभी बीमारियों का इलाज के बाद अब करोना की दवा भी बना दिये.
किसी और देश में होते तो जेल में होते pic.twitter.com/q9Xw9HxPJx— Rajeev Rai (@RajeevRai) June 24, 2020
बा’बा रा’मदेव ने जैसे ही मंगलवार को को’रोना को सात दिन में पूरी तरह ठीक करने के दा’वे के साथ दवा को लांच किया, आयुष मंत्रा’लय हरक’त में आ गया। इसके बाद आयुष मंत्रा’लय ने तत्काल पतंजलि को दवा के प्रचा’र-प्रसार के विज्ञा’पनों पर रो’क लगाने को कह दिया।
मंत्रा’लय ने स्पष्ट कर दिया कि यदि इसके बाद दवा का विज्ञा’पन जारी रहा, तो उसके खिला’फ का’नूनी का’र्रवाई की जाएगी। आयुष मंत्रा’लय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पतंजलि ने ऐसी किसी दवा के विकसित करने और उसके ट्रा’यल की कोई जा’नकारी मंत्रालय को नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि मंत्रा’लय की अनुमति से कई आयुर्वेदिक दवा’ओं का को’रोना के इला’ज में ट्रा’यल किया जा रहा है, लेकिन उनमें पतं’जलि की द’वा शामिल नहीं है। वरिष्ठ अधिका’री ने कहा कि जब पूरी दुनिया को’रोना का इला’ज खो’जने के लिए जू’झ रही है और कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में बिना वैज्ञा’निक सबू’त के किसी दवा से इलाज का दावा खतरना’क सा’बित हो सकता है और करोड़ों लोग इस भ्रा’मक प्रचा’र के जा’ल में फं’स सकते हैं। इसीलिए इस दवा के प्र’चार-प्रसार वाले विज्ञा’पनों पर तत्का’ल रोक लगा’ने के साथ ही पतंजलि को जल्द-से-जल्द को’रोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विव’रण देने को कहा गया है।
बाबा रामदेव की पतंजली विवा’दों में घिर’ने के बाद सोशल मी’डिया में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को काफी ट्रो’ल किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी के नेता राजीव राय ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बाबा को बुख़ा’र भी हो जाये तो MBBS,MD डाक्टर से इलाज कराते है, इनका नेपाली पार्टनर खुद AIIMS में एड’मिट होता है दोनों मिलकर कैं’सर सहित सभी बीमा’रियों का इलाज के बाद अब करो’ना की दवा भी बना दिये. किसी और देश में होते तो जे’ल में होते’
इसके बाद लोगों ने भी इसके जवाब में कई तरह के कमेंट्स किया.
एक यूजर ने लिखा, ‘इनको पैसे कमाना है बस दवा के नाम पर। चाहे ठीक हो या ना हो पर सा’इड इ’फेक्ट तो नही होगा यही बोल के बच जायेगा और जनता कुछ बो’लेगी भी नहीं। बहुत धू’र्त प्रा’णी है ये बाबा। अब इसको पेट्रोल भी 40 रूपये का नहीं चाहिए’
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘सल’वा’र देव खुद विदेशी पर निर्भर है और जनता को देशी के इस्तेमा’ल के लिये बोलते हैं’
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘रामदेव बाबा ने को’रोना की दवा’ई बनाने का दा’वा किया है परन्तु दावा तो बाबा नें 30-35 रूपये ली’टर पेट्रोल का भी किया था उसका क्या’
आपको बता दे कि, पतंजलि को यह भी बताना होगा कि इस दवा का ट्रा’यल किन-किन अस्पतालों में और कितने मरी’जों पर किया गया। ट्रा’यल शुरू करने के क्ली’निकल ट्’यल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआइ) में दवा का रजि’स्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। पतंजलि से सीटीआ’रआइ के रजिस्ट्रेशन के सा’थ-साथ ट्राय’ल के परिणा’म का पूरा डाटा देने को कहा गया है।