कोरोना वॉरियर्स… जी हां वो लोग, या कहें वो योद्धा लोग जो कोरोना से सीधे-सीधे लड़ रहे हैं। मसलन डॉक्टर्स, नर्सें, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी और एक नाम और जोड़ लीजिए विष्णु। जी हां, विष्णु, वो जयपुर के रहने वाले हैं। उनका नाम कोरोना वॉरियर्स के साथ इसलिए जोड़ा गया क्योंकि वो कोरोना से संक्रमित डेडबॉडी का अंतिम संस्कार करते हैं।
ना धर्म देखते, ना जाति
‘इंडिया टाइम्स‘ की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के रहने वाले विष्णु के साथ उनकी पूरी टीम है। वो सब लोग मिलकर कोरोना के संक्रमण से होने वाली मौतों की डेडबॉडी का अंतिम संस्कार करते हैं। वे लोग ना तो धर्म देखते हैं, ना ही किसी शख्स की जाति। यहां तक कि उन्होंने 15 से ज्यादा मुस्लिमों के शव को दफनाया भी है। इतना ही नहीं, 53 शवों का अंतिम संस्कार भी किया है।
सबसे बड़ा धर्म है संस्कार
विष्णु कहते हैं कि शवों का अंतिम संस्कार करना सबसे बड़ा भार भी है और धर्म भी। वो बताते हैं कि कोरोना वायरस से पहले वो कभी कब्रिस्तान तक नहीं गए थे। पर अब वो और उनकी टीम कब्र खुदवाती है। वो कब्रिस्तान जाते हैं। यहां तक कि उसमें उतरकर शव को आखिरी मिट्टी भी देते हैं।
लोग अस्थियां लेने भी नहीं आ रहे
विष्णु की पूरी टीम कुल मिलाकर 68 लोगों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। वो कहते हैं, ‘इस समय हालात ये हो गई है कि लोग मुर्दाघर में अपने मृतकों की अस्थियां लेने भी नहीं आ रहे।
हमारी टीम रोज ईश्वर से यही प्रार्थना करती है कि अब इस तरह किसी का अंतिम संस्कार ना ही करना पड़े। जिस दिन ऐसा होता है यानी कोरोना के कारण एक भी मौत नहीं होती है, उस दिन हम लोगों को बहुत खुशी होती है।’ सलाम है विष्णु जी आपको।
जयपुर के SMS अस्पताल के विष्णु गुर्जर वो कोरोना योद्धा हैं जिन्होंने इससे पहले कभी किसी क़ब्रिस्तान में क़दम तक नहीं रखा था पर संकट की इस घड़ी में ख़ुद आगे बढ़कर अब तक 30 से ज़्यादा कोरोना पॉज़िटिव शवों को पूरे इस्लामिक रीति रिवाज से सुपुर्द-ए-ख़ाक कर चुके हैं. लाखों सलाम आपको 🙏 pic.twitter.com/avlER7VcII
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) May 20, 2020
टीवी9 भारतवर्ष के पत्रकार समीर अब्बास ने विडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘जयपुर के SMS अस्पताल के विष्णु गुर्जर वो कोरोना योद्धा हैं जिन्होंने इससे पहले कभी किसी क़ब्रिस्तान में क़दम तक नहीं रखा था पर संकट की इस घड़ी में ख़ुद आगे बढ़कर अब तक 30 से ज़्यादा कोरोना पॉज़िटिव शवों को पूरे इस्लामिक रीति रिवाज से सुपुर्द-ए-ख़ाक कर चुके हैं. लाखों सलाम आपको’