सावरकर अंग्रेजो से लेते थे पेंशन! कांग्रेस नेता की इस बात को लेकर लोगो ने संबित पात्रा को लिया आ’ड़े हाथ

कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया ने एक ट्वीट कर हिं’दुत्व’वादी नेता वीडी सावरकर की आलो’चना की है। इस ट्वीट के सहारे अर्चना डालमिया ने सावरकर के साथ ही स’त्ताधा’री भाजपा पर भी परोक्ष रूप से निशा’ना सा’धा है। दरअसल अपने ट्वीट में अर्चना डालमिया ने लिखा है कि “कोई बताएगा?? सावरकर को 1924 में अंग्रेजो से 60 रूपए प्रतिमाह पेंशन किस बात के लिए मिलती थी?”

कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर सो’शल मीडिया यू’जर्स जमकर अपनी प्रति’क्रि’या दे रहे हैं। एक यूजर ने भी कांग्रेस नेता के ट्वीट से सहमति जाहिर करते हुए और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को टैग करते हुए लिखा कि “संबित पात्रा आपको इसके बारे में पता होने चाहिए! क्या आपकों अपने वैचारिक पू’र्वजों पर गर्व है, जिन्हें अंग्रेजों द्वारा तन्ख्वा’ह दी जाती थी।”

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘जासू’सी, यु’वाओं को विश्व यु’द्ध में ब्रिटिश आ’र्मी की तरफ से शामिल होने के लिए प्रेरित करने और कांग्रेस को कम’जोर करने के लिए’। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘क्रांति’का’रियों की मु’खबि’री करने के लिए।’

विनायक दामो’दर साव’रकर ने अपने जीवन के लगभग 9 साल अंड’मान निकोबार की सेल्युलर जे’ल में बिताए थे, जिसे काला-पानी के नाम से जाना जाता है। सावरकर पर ना’सिक के कलेक्टर जैक्सन की ह’त्या में शामिल होने का आ’रोप था।

सावरकर को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने दो अलग अलग मा’मलों में 25-25 साल की स’जा सुनायी थी। इसी सेल्युल’र जेल में रहते हुए सावरकर ने ब्रिटिश सरकार को अपना मा’फीना’मा भेजा था। बताया जाता है कि जे’ल में रहने के दौरान सावरकर ने करीब 6 बार अंग्रेज सरकार को मा’फी’नामा भेजा था।

कहा जाता है कि सावरकर ने वा’यरसरा’य लिन’लिथगो के साथ गांधी, कांग्रेस और मुस’लमा’नों के वि’रोध को लेकर एक सम’झौ’ता किया था। इतना ही नहीं अंग्रेज सरकार सावरकर को 60 रुपए महीना की पेंशन भी देती थी। हालांकि वह अंग्रेज सरकार का कौन सा काम करते थे और उन्हें पेंशन मिलती थी, यह अभी स्प’ष्ट नहीं हैं।