UPA-2 में 60% बिल भेजे गए थे सिलेक्ट कमेटी के पास, पर मोदी 2.0 में आंकड़ा है…

डिबेट के दौरान एंकर राजदीप सरदेसाई ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से पूछा कि जब पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेताओं को कोविड पर मीटिंग के लिए बुलाया था तो वे उसमें शामिल क्यों नहीं हुए, बहिष्कार क्यों किया?राजदीप पूछने लगे कि राहुल गांधी की संसद में मौजूदगी कम क्यों रहती है, यहां तक कि पंडित नेहरू भी संसद में मौजूद रहा करते थे।

जवाब में पवन खेड़ा कहने लगे कि बीजेपी के प्रवक्ता डिबेट में भी झूठ बोलने का काम करते हैं। आपको मालूम होना चाहिए कि यूपीए में 60 से 70 प्रतिशत बिल सिलेक्ट कमेटी में भेज दिए जाते थे। 2019 के बाद से तो मोदी सरकार ने किसी भी बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजना ही छो’ड़ दिया है।

बता दें कि विपक्ष ने सरकार पर सदन में मार्शल का इस्तेमाल करने एवं ध’क्का-मुक्की करने का आरो’प लगाया है।गुरुवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं।

विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित ध’क्का-मुक्की की घ’टना को ‘लोकतंत्र की ह’त्या’ करार दिया।

दूसरी ओर, संसद के मानसून सत्र के दौरान हं’गामा और अमर्यादित व्यवहार करने का विपक्ष पर आरो’प लगाते हुए बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि संसद में नियम तो’ड़ने व इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खि’लाफ ऐसी स’ख्त का’र्रवाई की जानी चाहिए कि कोई भी भविष्य में ऐसा करने का साहस नहीं करे। केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं पर मार्शलों के साथ धक्का- मुक्की करने का आरो’प लगाया।