उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चुनाव जीतने के बाद राज्य में बड़ी-बड़ी गौशालाओं का निर्माण करवाने के बड़े बड़े दावे करते आई है। अपने पूरे शासनकाल में भाजपा ने राज्य में गौरक्षा को एक अहम मुद्दा बनाकर लोगों की भावनाओं के साथ महज खिलवाड़ किया है। बावजूद इसके, जमीनी स्तर पर सच्चाई हकीकत से कोसों दूर है।
प्रदेश में मौजूद गौशालाओं में गाय बिना चारे और दवाओं के मरने को मजबूर हो रही है। ऐसी घटनाएं कई बार देखने को मिल चुकी है। सूबे के जनपद उन्नाव की एक गौशाला में हर तरफ गायों के शव पड़े हुए हैं। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
ठीक-ठीक याद करें तो यह वीडियो उस दिन वायरल हुआ था, जिसके दूसरे दिन देश श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाने जा रहा था। योगी आदित्यनाथ मथुरा में पूजा-पाठ के सहारे चुनावी वैतरिणी पार करने के लिए जाने की प्लानिंग कर रहे थे।
उन्नाव की गौशाला में बिखरी हैं लाशें. चारे और इलाज के अभाव में तोड़ रही हैं दम. गायों के नाम पर लिंचिंग वाले देश मे ये हालात भयावह करते हैं.
ये जन्माष्टमी से ठीक एक दिन पहले का सीन है, यकीनन श्रीकृष्ण बहुत खुश हो रहे होंगे यह देखकर.@myogiadityanath@dmunnao pic.twitter.com/MpZ5rmMl9F— Janjwar Media (@janjwar_com) September 1, 2021
उन्नाव की धरती से वायरल हुए गायों के मृत शरीर वाला वीडियो आपका कलेजा छलनी कर सकता है, बशर्ते आपके अंदर भाजपा की तरह फर्जी भावनाएं और संवेदनाएं ना हों। वीडियो में देखा जा सकता है कि गौशाला में गाय दुखद स्थिति में रहने को मजबूर हो रही है। यहां तक कि कई गाय मर चुकी है।
कई गायों के शव बुरी तरह से सूखे हुए हैं। जिन्हें दखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें कई दिनों से खाना नहीं मिला। गौरक्षा के नाम पर वोट बटोरने वाली भाजपा के शासनकाल में गायों की ऐसी स्थिति शायद पहले किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुई होगी।
अधिकारी बोले- सही कराई जाएंगी व्यवस्थाएं
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ईओ नगर पालिका मणि भूषण तिवारी और नगर पशु अधिकारी डॉ. निर्मल ने स्थिति को देखा। अधिशासी अधिकारी ने तत्काल गोशाला की सफाई करवाकर हरे चारे और पानी की भी व्यवस्था कराई।
ये उन्नाव की एक गौशाला है..
यहां हर तरफ गाय के शव ही शव पड़े हैंबेहद दुःखद.. pic.twitter.com/Qz2XbYJzA0
— Suraj Shukla (@suraj_livee) August 29, 2021
उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि भविष्य में इस प्रकार की परेशानी न आए। संस्था के संस्थापक अखिलेश अवस्थी ने कहा कि प्रशासन को एक सप्ताह का समय दे रहे हैं। उसके बाद जिले के गोशाला का भ्रमण करेंगे और जहां की स्थिति असहनीय मिलेगी। वहां का गेट खोल देंगे। फिर जो परिणाम होगा उसे स्वीकार करने के लिए हम तैयार हैं।
साभार: जनज्वार