चारों तरफ हो रही थू- थू की वजह से उमा भारती को बदलना पड़ा इरादा, अब कहा जाउंगी भूमि पूजन में क्यों की ……..

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी शामिल होंगी. यह जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी. उमा भारती ने कहा कि मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बंधी हूं. मुझे रामजन्मभूमी न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है, इसलिए मैं कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगी.

इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा था कि भूमि पूजन के मेहमानों की लिस्ट से मेरा नाम हटा दें. उन्होंने कहा था कि वो अयोध्या के भूमि पूजन कार्यक्रम में तो आएंगी, लेकिन मंदिर स्थल पर ना रहकर सरयू नदी के तट पर रहेंगी.

उमा भारती ने लिखा था, ‘ जब से मैंने अमित शाह जी के कोरो’ना पॉजिटिव होने का सुना, तभी से अयोध्या में मंदिर के शिलान्यास में उपस्थित लोगों खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चिं’ति’त हूं. इसीलिये मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों को सूचना दी है कि शिलान्यास के कार्यक्रम के मुहूर्त पर मैं अयोध्या में सरयू के किनारे पर रहूंगी.’

उमा भारती ने लिखा था, ‘मैं भोपाल से आज रवाना होऊंगी. कल शाम अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी सं’क्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में जहां नरेंद्र मोदी, सैकड़ों लोग उपस्थित होंगे मैं उस स्थान से दूर रहूंगी. ऐसे में नरेंद्र मोदी के चले जाने के बाद ही मैं रामलला के दर्शन करूंगी.’

उमा भारती ने कहा था कि मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों और पीएमओ को जानकारी दे दी है कि पीएम मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के वक्त उपस्थित समूह की सूची से मेरा नाम अलग कर दें. हालांकि, अब उमा भारती ने भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया है.

दरअसल, सोमवार को उमा भारती ने कहा था कि उन्‍होंने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन (Ram Mandir Bhumipujan) में शामिल न होने का फैसला किया है. इस दौरान वे सरयू तट पर ही रहेंगी और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद राम लला के दर्शन करेंगी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया और इसकी जानकारी खुद अपने ट्विटर पर दी थी. बीजेपी नेता उमा भारती ने इस संबंध में राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अपील की थी कि वह 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के स्थापना समारोह के लिए आमंत्रितों की सूची से उनका नाम हटा दें.