कांग्रेस के इस बड़े फैसले के बाद उद्धव ठाकरे का निर्विरोध एमएलसी चुना जाना तय

महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस ने भी भाजपा की तरह अपने दिग्गजों को झट’का देते हुए एक नए चेहरे को उम्मीदवारी दी है। मगर दूसरी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है।

इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, लगभग यह भी तय हो गया है कि शिवसेना-2, कांग्रेस-1 और एनसीपी को दो तथा विपक्षी दल भाजपा के 4 सदस्य विधान परिषद के लिए चुने जा सकते हैं।

महाराष्ट्र में हो रहे विधान परिषद की 9 सीटों के लिए आगामी 21 मई को चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में अब तक दो सीटों पर दावा कर रही कांग्रेस को पीछे हटना पड़ा है। पार्टी ने शनिवार को अपने इकलौते उम्मीदवार राजेश राठौड़ का नाम घोषित कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस के सचिव राठौड़ जालना जिला परिषद के सभापति रह चुके हैं। शिवसेना चाह रही थी कि मतदान की नौबत न आए। भाजपा के चार उम्मीदवार पहले ही नामांकन कर चुके हैं।

कांग्रेस से उम्मीदवारी के लिए पूर्व मंत्री नसीम खान, अनिस अहमद, पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत और प्रदेश कांग्रेस कार्याध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेता इच्छुक थे। लेकिन पार्टी हाईकमान ने एक नए चेहरे को मौका दिया है।

पंकजा मुंडे ने समर्थकों से कहा परेशान न हो

विधान परिषद चुनाव में भाजपा से उम्मीदवारी न मिलने दुखी पूर्वमंत्री पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे हतोत्साहित न हों। शनिवार को पंकजा ने ट्वीट किया कि वह आगामी विधान परिषद चुनाव के लिए पार्टी द्वारा नामित नहीं किए जाने से नाराज नहीं हैं।

पंकजा मुंडे ने कहा कि हम दोनों एक-दूसरे के लिए हैं और साहेब (पिता गोपीनाथ मुंडे) का आशीर्वाद है। पंकजा मुंडे पिछले साल विधानसभा चुनावों में परली सीट से अपने चचरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से हार गई थीं।

पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे के पास राज्य विधायिका के लिए चुने जाने के लिए 27 मई तक का समय है। इसमें विफल होने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ता।