महाराष्ट्र में कोरोना संक’ट के बीच मंगलवार को सिया’सी संक’ट की खबर ने जोर पकड़ा. सोमवार से जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की, तभी से इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. बाद में बीजेपी के राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने भी राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शा’सन लगाने की मांग कर डाली.
हालांकि, आज एनसीपी और शिवसेना ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि उद्धव सरकार को कोई खत’रा नहीं है. शाम को पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी का पक्ष सामने रखा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता था कि आखिर बीजेपी की आगे की रणनी”ति क्या है. पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस से जब सवाल पूछा गया कि क्या उद्धव सरका’र गिरने वाली है? तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी का फोकस कोरोना से लड़’ने पर है, हमारी रा’जनीति में कोई रुचि नहीं है.
फडणवीस ने कहा, “हमें सरकार की स्थापना नहीं करनी है. यह सरकार अतंर्कल’ह से गि’रेगी. हमारा प्रयास भगाने का नहीं है, इन्हें जगाने का है. विपक्ष सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है, ऐसे बातें सत्ता पक्ष के लोग फैला रहे हैं. ऐसा वे खुद की विफलता को छिपाने के लिए कर रहे हैं.”
गठबंधन सरकार पर निशा’ना साधते हुए फडणवीस ने कहा, “ठाकरे सरकार में समन्वय नहीं है. कांग्रेस-एनसीपी और सीएम के अलग-अलग बयान सामने आते हैं. रोज फैसला होता है और दूसरे दिन बदलता है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या उद्धव सरकार का का’मकाज ठीक है? इस पर फडणवीस ने कहा, “मैं उनको सर्टिफिकेट देने नहीं बैठा हूं. इस समय राज्य में मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि उद्धव जी साहसिक फैसले लेंगे.”
प्रवासी मजदूरों को लेकर महाराष्ट्र में सियासत जारी है. युपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में प्रवासी मजदुरों से व्यवहार हुआ, उस पर दुख प्रकट किया था. योगी के बयान पर राज ठाकरे ने पलटवा’र किया था.
इन सभी मुद्दों पर पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा, “प्रवासी मजदूरों के जाने से तकलीफ होगी. इसके लिए महाराष्ट्र के भूमिपुत्रों को काम देने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है, मैं उसका भी स्वागत करता हू लेकिन वास्तविकता यह है कि लेबर रिपेलेसमेंट कागज पर नहीं होता. प्रवासी मजदुरों के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा.”