हाल ही में विवादों में रहे चुके अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के विवादास्पद एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी के लिए अब परेशानियों का अम्बार लगता दिखाई दे रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हमेशा चर्चा में रहने वाले रिपब्लिक टीवी, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी, आजतक, एबीपी और टाइम्स नाउ जैसे कथित न्यूज़ चैनलों की। इन चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बेहद शक्तिशाली मांग उठने लगी है।
इन चैनलों पर लगातार यह आरोप लगते आए हैं कि इन चैनलों द्वारा खाड़ी क्षेत्रों में इस्लामोफोबिया के जरिए नफरत फैलाई जाती है। जिसके कारण ही अब इन भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग अब तेजी से उठने लगी है।
अल-निसार प्रकाशन जो कि संयुक्त अरब अमीरात में बेहद शक्तिशाली समहू है। इस समहू का स्वामित्व करने वाले गल्फ न्यूज ने 6 मई को एक बेहद चौकाने वाला संपादकीय लिखा- इसमें बताया गया था कि किस तरह पत्रकारिता की आड़ में भारतीय टीवी चैनलों ने अपने जघन्य प्रसारण के जरिए खाड़ी देशों में धार्मिक अस्वीकृति उत्पन कर दी थी।
इसमें यहाँ तक लिखा गया है कि गल्फ न्यूज उन एक्सपोज से जुड़ी घटनाओं को प्रकाशित कर रहा है जिन्हें सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के बाद नियोक्ताओं द्वारा समाप्त कर दिया गया था।
बहुत से भारतीय विस्तारकों को नफरत और धार्मिक भेदभाव के लिए बुलाया भी गया था जो कि संयुक्त अरब अमीरात के निवासी थे। इसमें आगे लिखा गया, “संयुक्त अरब अमीरात और अन्य खाड़ी देशों में स्थित प्रमुख अरब व्यक्तित्वों ने भी एक्सपैट के बीच इस्लामोफोबिया बढ़ने के बारे में चिंता जताई है।”
यूएई, ओमान और कतर में भारतीय दूतावासों ने सोशल मीडिया आचरण पर चेतावनी जारी की है, जो भारतीयों को भेदभाव विरोधी कानूनों की याद दिलाते हैं। गल्फ न्यूज के एक संपादकीय ने पूछा कि बहुत समय तक स्थानीय निवासी जो की स्थानीय कानूनों और संवेदनशीलता से भी परिचित हैं, वे भी यूएई में सोशल मीडिया पर इस प्रकार की अपमानजनक सामग्री पोस्ट कर रहे थे।
Pretty strongly worded Editorial in Gulf News today asking for a ban on Indian news channel spreading hate against Muslims.
Stop Indian media from exporting hate to Gulf https://t.co/Jy6aSoCRqj
— Adeel Azhar (@adeel_azhar) May 6, 2020
“अपराधी भारतीय मीडिया है’ गल्फ न्यूज़ ने ऐसा तब कहा जब वह ‘समाचार चैनलों’ को बता रहे थे कि जो भारत से खाड़ी देशों में मुसलमानों के खिलाफ नफरत की कथा का निर्यात कर रहे हैं वह तिरस्कार करने योग्य है।
संपादकीय द्वारा अपने निष्कर्ष में कहा गया है कि लाइव टीवी पर प्रचारित नफरत का विशेष रूप से लोकप्रिय एंकरों की तरफ से प्रभाव पड़ता है। खाड़ी में नियुक्त अधिकारियों को इन चैनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नफरत फैलाने वाले चैनलों में रिपब्लिक टीवी, जी न्यूज, इंडिया टीवी, आजतक, एबीपी और टाइम्स नाउ शामिल हैं। उन्हें उन खाड़ी देशों के सामाजिक माहौल को नष्ट करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। जहां लाखों विविध जातीय और धार्मिक पृष्ठभूमि काम करती हैं और सब शांति से रहते हैं।
गौरतलब है कि अरब दुनिया में भारतीय समाचार चैनलों को विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासी आबादी के बीच एक बड़ी संख्या में दर्शकों द्वारा देखा जाता है। साथ ही ये सभी टीवी चैनल विज्ञापनों और अन्य सामग्री सिंडिकेशन अभ्यासों के माध्यम से अपने मीडिया समूहों की समग्र राजस्व आय में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
इस समय विशेष रूप से अर्णब गोस्वामी अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते पहले से ही मुंबई में दिक्क्तों का सामना कर रहे हैं। उनपर आरोप है कि वह कथित तौर पर भारत में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। फ़िलहाल वह गिरफ्तारी से तीन सप्ताह की सुरक्षा में हैं। साथ ही अब उन्होंने एक अन्य पुलिस शिकायत में गिरफ्तारी से बचने के लिए एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का रुख कर लिया है।