लोकसभा सदन में केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कोरो’ना वाय’रस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में मरने वाले प्रवा’सी मजदूरों का कोई भी आंकड़ा होने से साफ इन’कार कर दिया है। जिसके बाद मोदी सरकार वि’पक्षी दलों के निशा’ने पर आ गई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मॉनसून सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होने पर मोदी सरकार को घे’रा है।
टीएमसी सांसद ने बताया कि विपक्षी दलों द्वारा किए गए सवा’लों का जब सरकार सदन में लिखित जवाब दे रही थी। तो उसमें ना तो लॉकडाउन में म’रने वाले प्रवासी मजदूरों की मौ’त का कोई आंक’ड़ा था। ना ही उनके परिवारों को मुआ’वजा देने का कोई आं’कड़ा।
टीएमसी सांसद का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडा’उन की वजह से लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। लेकिन सरकार के पास इसका भी कोई आंकड़ा नहीं है।
इसके साथ ही मोदी सरकार पर तं’ज कसते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि कोरो’ना और लॉकडाउन में मोदी सरकार द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये आर्थि’क पैकेज दिया गया था।
लगता है सरकार के पास इस आर्थिक पैकेज के खर्च का भी आं’कड़ा सरकार के पास नहीं है। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा ने संसद में प्रश्नकाल नहीं होने दिया?
गौरतलब है कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों की मौ’त से जुड़े आंकड़े न होने की बात कह दी है। ताकि म’रने वाले मज’दूरों के परिवारों को मुआ’वजा देने की मांग न उठाई जाए।
लेकिन पूरा देश इस बात का ग’वाह है कि लॉकडाउन की वजह से देशभर में करीब एक करोड़ प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्य पहुंचे हैं। जिसमें से कई मजदूरों को जा’न से हाथ धोना पड़ा। अब मोदी सरकार अपने बयान की वजह से वि’पक्ष के निशा’ने पर आ गई है। सरकार के इस ज’वाब का वि’पक्ष खूब आलो’चना कर रहा है।