बड़ी ख़बर: ता’लिबान के प्रवक्ता ने कश्मीर के मुसलमानों पर दिया बड़ा बयान, बोले- भारत और पाक को…

अफ’गानिस्तान पर क’ब्जा करने के बाद ता’लिबान ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है. बीबीसी से खास बातचीत में ता’लिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि हमारे पास कश्मीर के मु’सलमानों के लिए भी आवाज उठाने का अधिकार है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पा’किस्तान ता’लिबान के उदय का इस्तेमाल अलगाववादी एजेंडे को हवा देने के लिए ‘कश्मीर में इ’स्लामी भावनाओं को भ’ड़काने’ के लिए कर सकता है.

मु’स्लिमों की आवाज़ उठाने का अधिकार ता’लिबान के पास- प्रवक्ता

जूम कॉल के जरिए बीबीसी से बात करते हुए सुहैल शाहीन ने कहा, ”मु’सलमान के तौर पर भारत के कश्मीर में या किसी और देश में मु’स्लिमों के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार ता’लिबान के पास है. हम आवाज़ उठाएंगे और कहेंगे कि मु’सलमान आपके लोग है, अपने देश के नागरिक हैं. आपके कनू’न के मुताबिक वह सभी समान हैं.”

भारत को घाटी के प्रति ‘सकारात्मक दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए- ता’लिबान

इससे पहले अन्य ता’लिबानी प्रवक्ता जबी’हुल्लाह मु’जाहिद ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर वि’वाद पर कहा था कि भारत को घाटी के प्रति ‘सकारात्मक दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पा’किस्तान को एक साथ बैठना चाहिए और मा’मलों को हल करना चाहिए, क्योंकि दोनों पड़ोसी हैं और उनके हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.

घाटी में बढ़ सकती हैं आतं’की गति’विधियां

अल-कायदा ने कश्मीर और अन्य तथाकथित इ’स्लामी भूमि की ‘मुक्ति’ का आहवान किया है. जै’श-ए-मो’हम्मद और ल’श्कर-ए-तैयबा घाटी में आतं’कवादी ग’तिविधियों को बढ़ा सकते हैं, ताकि ता’लिबान की जीत की बढ़ती भावनाओं को भुनाया जा सके.

साल 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का प्रशासन सीधे अपने हाथों में ले लिया और कई वादे किए गए, हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों के आयोजन से राजनीतिक गतिविधि बहाल हो गई है.