देशभर में को’रोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है। कांग्रेस समेत कई अर्थशास्त्रियों ने सरकार को अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू करने के तरीके बताए हैं। इनमें भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद और एक समय देश के वित्त मंत्री रहे सुब्रमण्यम स्वामी भी शामिल हैं।
स्वामी ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार को सड़क परिवहन और लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी की बात सुननी चाहिए। स्वामी ने बताया था कि गडकरी पहले ही सरकार की तरफ से लघु उद्योगों के लिए पैकेज देने का ऐलान कर चुके हैं। लेकिन उनके ऐलान के डेढ़ महीने बाद भी इसे वित्त मंत्रालय की ओर हरी झंडी मिलना बाकी है। आखिर क्यों?
स्वामी ने इसी सिलसिले में बुधवार को भी एक ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार से पहले ही लघु उद्योगों के लिए जल्द से जल्द गडकरी की योजना को लागू करने के लिए कह चुका हूं। लेकिन मध्य मार्च के बाद से ही यह अटका है। अब तक करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। आज मैं कहता हूं कि कामगार भूख से परेशान हैं। अब तक जो मांग लगातार घट रही है और खत्म होने की स्थिति में है।
MSME के लिए पैकेज की मांग के बीच कॉरपोरेट सेक्टर को सरकार का झट’का:
लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर जहां पैकेज की मांग की जा रही है, वहीं कॉरपोरेट सेक्टर के लिए किसी तरह का पैकेज न दिए जाने की बात सामने आ रही है। कोरोना संकट के चलते आई मंदी से निपटने के लिए बड़े पैकेज की मांग को लेकर सरकार ने हाल ही में अपना रुख स्पष्ट किया है।
केंद्र ने कहा है कि किसी बड़े कोरोना पैकेज की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रोथ में इजाफा करने के लिए जल्दी ही पैकेज जारी किया जाएगा, लेकिन अन्य देशों से इसकी तुलना नहीं की जानी चाहिए।
Comment on the Economy No.2: Yesterday I had urged that Namo Government must immediately implement Gadkari’s Stimulus Plan for MSME. But since mid March it has not been. Millions have become unemployed. Today I say workers are starving. So Demand already weakening, has collapsed
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 6, 2020
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा कि हम किसी दूसरे देश की तुलना करते हुए पैकेज की मांग नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी हमें बड़ी कीमत चुकानी होगी। यही नहीं भारत सरकार की ओर से पहली बार कोरोना संकट के बीच मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ को लेकर अनुमान जताया गया है।