बीजेपी सांसद के बयान से हिला केंद्र, बोले- पार्टी में दलबदलू कर रहे है राज; भाजपा कर रही है…

सरकार को अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश नीति और कोरोनावायरस से लेकर संसदीय मा’मलों में घे’रने वाले भाजपा के ही सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर ट्वीट के जरिए केंद्र पर तं’ज क’सा है। स्वामी ने इशारों में कहा है कि भाजपा ने फिलहाल जनसंघ से विरासत में मिली विचारधारा की उपेक्षा की है, जिससे विपक्ष में फिर से उम्मीद जाग गई है। इतना ही नहीं स्वामी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हम’ला बोलते हुए अर्थव्यवस्था, रक्षा और स्वास्थ्य के मु’द्दे पर केंद्र को नाकाम करार दे दिया।

क्या रहा भाजपा सांसद का पूरा बयान?: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को ट्वीट में कहा, “आज भाजपा के अपनी मूल विचारधारा की उपेक्षा करने (जो उसे जनसं’घ से विरासत में मिली थी) से उस विपक्ष को फिर नई उम्मीद मिली है, जो कुछ समय पहले ही सत्ता में भाजपा के उभार से हतोत्साहित हो गया था। अर्थव्यवस्था, रक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नाकामी भी डराने वाली है। फिलहाल पार्टी में नौकरशाह और दूसरी पार्टियों से आए दलबदलू राज कर रहे हैं।”

अर्थव्यवस्था-विदेश नीति पर पहले भी निशाना साध चुके हैं स्वामी: गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी पार्टी के नेतृत्व पर इस तरह ह’मला बोला हो। एक दिन पहले ही उन्होंने मोदी सरकार का घेराव करते हुए 5 ट्रिलियन इकोनॉमी को असंभव बताया। स्वामी ने ट्वीट में कहा था, “मैं 2019-20 से 2024-25 तक देश की जीडीपी को दोगुना करके 5 ट्रिलियन डॉलर करने की बात करता हूं तो इसके लिए मुझे हर साल जीडीपी विकास दर 14.8 प्रति वर्ष की जरूरत होगी और अगर मैं ये कहूं कि मौजूदा आर्थिक नीति उस दर को कभी हासिल नहीं कर पाएगी तो क्या मैं मोदी के खि’लाफ बोल रहा हूं?”

अंबानी बोले- अर्थव्यवस्था ने असमान ढंग से लोगों को फायदा पहुंचाया: भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आने वाली चु’नौतियों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी लेख लिखा है। इसमें उन्होंने कहा- ‘‘भारत 1991 में कमी वाली अर्थव्यवस्था था, जो 2021 में आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया। अब भारत को खुद को 2051 तक टिकाऊ स्तर पर आधिक्य और सभी के लिए समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में बदलना है।’’

अंबानी ने लिखा है कि भारत ने 1991 में अर्थव्यवस्था की दिशा और निर्धारण दोनों को बदलने की दूरदृष्टि और साहस दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने निजी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रभावशाली ऊंचाई पर रखा।

अंबानी ने ये भी कहा कि आगे का रास्ता आसान नहीं है लेकिन हमें महामारी जैसी अचानक आने वाली अस्थायी समस्याओं से घबराना नहीं है। न ही गैर-महत्वपूर्ण मु’द्दों की वजह से अपना ध्यान भटकाना है। उन्होंने कहा कि अब तक हुए आर्थिक सुधारों ने असमान ढंग से लोगों को फायदा पहुंचाया और अब सबसे निचले तबके के लिए संपदा पैदा करना जरूरी है।