कोरोना महामा’री के बीच सोनू सूद मजदूरों और मजबूरों के मसीहा बनकर सामने आए। लॉकडाउन के दौरान जब मजबूर गरीब लोग सरकार से भी नि’राश जो गए थे तब सोनू सूद ने उन गरीब प्रवासी मजदूरों और मजबूरों की हर संभव मदद की। लॉकडाउन के दौर में शुरू हुई सोनू सूद की मदद की मुहिम आज भी जारी है। किसी का इलाज करवाना हो, किसी के स्कू’ल की फीस भरनी हो, किसी को रोजगार दिलवाना हो या फिर किसी को सिर पर छत की जरूरत हो।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ‘बीते कुछ महीनों में एक दौर ऐसा भी था, जब सोनू सूद ने बस की बजाय ट्रेन से लोगों को भेजना शुरू कर दिया। सोनू सूद लॉकडाउन पीरियड में 1.5 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने का काम किया है और विदेशों में फं’से 6700 लोगों को हम अपने देश लेकर आए हैं। सोनू सूद का ऐसा कहना है कि मुझे कई जगहों से ऑफर आए हैं। मुझे सारी पार्टियों से ऑफर मिले हैं, लेकिन मैं इसमें रुचि नहीं रखता हूं। मैंने उन सभी से यही कहा कि मैं जो कर रहा हूं, मुझे करने दीजिए।
सोनू सूद ने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि मैं एक महीने में 1000 सर्जरी करवा सकूं। इसी कड़ी में मेरा कनेक्शन गौतम भाई से हुआ और फिर मैंने देशभर के डॉक्टर्स से बात की। आज 47 डॉक्टर्स हमारे साथ जुड़े हुए हैं। हमने सभी डॉक्टर्स से यही कहा है कि कोई गरीब आदमी सर्जरी के लिए आए तो आप उनसे पैसे मत लेना, फीस हमलोग भर देंगे।
बीते 7-8 महीनों में सोनू सूद ने लोगों को बस, ट्रेन और यहां तक कि विमान से उनके घर पहुंचाया है। जरूरतमंदों के घर हर जरूरी सामान की आपूर्ति की है। लेकिन इन सब के लिए उनके पास इतना पैसा आया कहां से? इस सवाल का जवाब देते हुए सोनू कहते हैं, ‘जो लोग मुझे सम्मान या ट्रॉफी देना चाहते हैं, उनसे मैं अब डोनेशन देने के लिए कहता हूं।