कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार सुबह प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का रेल किराये का भुगतान कांग्रेस की तरफ से किए जाने का एलान करके एक बड़ा सियासी दांव खेला है। सोनिया के इस एलान के बाद केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई है।
BJP govt has not only delayed response to migrant labourers' issue but is also punishing them by making them pay for the journey to home.
As per @INCIndia President, Smt. Sonia Gandhi's announcement, rail ticket cost of these migrants will be borne by INC.#CongressForIndia pic.twitter.com/E0MuZRrlSU
— Mumbai Congress (@INCMumbai) May 4, 2020
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सोनिया के इस मॉस्टर स्ट्रोक की भूमिका रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हुई लंबी बातचीत के बाद बनी। राहुल ने इस पर कोरोना को लेकर गठित कांग्रेस के कोर ग्रुप के कुछ विश्वस्त सदस्यों से भी चर्चा की थी।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के यहां अपने संपर्कों के जरिए इसका संकेत मिलते ही कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने रविवार को ही प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक सरकार को एक करोड़ रुपये के चेक का भुगतान करके इसकी अघोषित शुरुआत भी कर दी।
सोनिया की घोषणा के बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके जानकारी दी कि उनकी इस मुद्दे पर रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई है और रेल किराये का भुगतान केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर करेंगी।
सोनिया गांधी की घोषणा के बाद कांग्रेस कोषाध्यक्ष और सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने ट्वीट करके सभी प्रदेश इकाइयों से स्थानीय स्तर पर सभी संभव संसाधन जुटाने और मजदूरों के रेल किराए का भुगतान करने को कहा है।
As directed by Congress President,in my capacity as Treasuer(AICC) I request Pradesh Congress Committees to mobilise all possible local resources to help migrants purchase tickets to get back home
Let us make this into a ppl’s movement,pls contact AICC if you require assistance
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) May 4, 2020
पटेल ने यह भी कहा कि अगर किसी इकाई को किसी तरह की सहायता की जरूरत हो तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से संपर्क किया जा सकता है।
सोमवार की सुबह आठ बजे जारी अपने बयान में सोनिया गांधी ने सिर्फ चार घंटे की मोहलत देकर देशव्यापी लॉकडाउन करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और उसके बाद देशभर में हुए प्रवासी मजदूरों और गरीबों के पैदल पलायन की तुलना 1947 के देश विभाजन के बाद हुए पलायन से की है।
सोनिया ने विदेशों से लोगों को हवाई जहाज से निःशुल्क लाने और गुजरात में नमस्ते ट्रंप में सौ करोड़ रुपए खर्च करने और रेलवे की तरफ से पीएम केअर्स फंड में करीब 150 करोड़ रुपये देने का जिक्र करते हुए गरीब मजदूरों पर रेल किराये का बोझ डालने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए घोषणा की कि कांग्रेस की सभी प्रदेश इकाइयां अपने अपने राज्यों में मजदूरों के रेल किराए का भुगतान करेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष की इस घोषणा के बाद भाजपा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि उनकी रेल मंत्री पियूष गोयल से बात हुई है और मजदूरों के रेल किराए के 85 फीसदी का भुगतान केंद्र सरकार और शेष 15 फीसदी का भुगतान राज्य सरकारें करेंगी।
जल्दी ही सरकार इसकी अधिकृत जानकारी देंगी। स्वामी भी मजदूरों से रेल किराए न लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से लगातार कर रहे हैं।
Talked Piyush Goel office. Govt will pay 85% and State Govt 15% . Migrant labour will go free. Ministry will clarify with an official statement
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 4, 2020
कांग्रेस अध्यक्ष के करीबी सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर लगातार पार्टी नेताओं से बात कर रही थीं और सोशल मीडिया और मीडिया पर जिस तरह मजदूरों की घर वापसी की छटपटाहट, सैकड़ों मील की दूरी पैदल तय करने की खबरें देख सुनकर, वह चाहती थीं कि पार्टी इस मुद्दे पर कोई सार्थक पहल करे।
मुख्यमंत्रियों के दबाव में जब केंद्र ने विशेष रेलगाडियां चलाने का फैसला किया, लेकिन किराये का बोझ मजदूरों पर डाल दिया, उसके बाद सोनिया ने अपने भरोसेमंद सलाहकारों से इस मुद्दे पर बात की।
इसके बाद रविवार को उनकी और राहुल गांधी की लंबी बातचीत हुई और इसके बाद तय किया गया कांग्रेस इस खर्च को वहन करे। एक सुझाव था कि सिर्फ जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वे रेल किराए का खर्च वहन करें, इससे भाजपा और अन्य दलों की सरकारों पर भी दबाव पड़ेगा।
लेकिन राहुल गांधी ने सभी राज्यों में मजदूरों का रेल किराया कांग्रेस की तरफ से देने पर जोर दिया। इसके बाद तय हुआ कि पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयां यह खर्चा वहन करें और जिन इकाइयों के पास आर्थिक संसाधनों का संकट होगा,उन्हें केंद्रीय संगठन से मदद दी जाएगी।