दैनिक भास्कर पर छापा प’ड़ने के बाद सोशल मीडिया पर BJP के लोग ऐसे ले रहे है मजे, देखे

भास्कर अखबार पर इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने छा’पेमारी की है। कर चो’री के आरो’प में अखबार के मालिकों के घर और संस्थान पर आयकर विभाग ने छा’पा मा’रा है। इसके साथ ही टीवी चैनल समाचार भारत पर भी इनकम टैक्स का छापा प’ड़ा है। दैनिक भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, नोएडा, अहमदाबाद और मुंबई के ऑफिस पर इनकम टैक्स विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बता दें कि दैनिक भास्कर ने कोरोनाकाल के दौरान सरकार की ज’मकर फजीहत की थी। कोरोना से होने वाली मौ’तों का आंकड़ा जो सरकार देती थी उसे गलत बताते हुए भास्कर हकीकत दिखाता था।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान शवगृहों पर बढ़ती ला’शों की खबर भास्कर ने प्रमुखता से अपने पहले पन्ने पर छा’पी थी। वहीं टीवी न्यूज़ चैनल भारत समाचार भी उत्तर प्रदेश में कोरोना की वजह से हो रही मौ’तों की खबरों को लगातार दिखा कर रहा था। इन दोनों मीडिया संस्थानों पर छा’पा प’ड़ने की खबर के बाद से सोशल मीडिया पर लोग नरेंद्र मोदी सरकार को ट्रो’ल कर रहे हैं।

इस छा’पेमारी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हम’ला बोला है। नेताओं के साथ कई पत्रकार भी इस मु’द्दे पर मीडिया संस्थान के साथ ख’ड़े हुए नजर आ रहे हैं। अभय कुमार सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि, ‘अब सब खुले में हो रहा है, जो सरकार को पसन्द नहीं वो लिखेंगे, बोलेंगे तो छापा प’ड़ेगा. वही बोलिए, सुनिए, लिखिए जो ये लोग चाहते हैं तोता बन जाना है पूरी तरह से।’

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ‘रेड जीवी जी, प्रेस की आज़ादी पर कायरतापूर्ण हम’ला। दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर अब इनकम टैक्स के छा’पे। लोकतंत्र की आवाज़ को ‘रे’डराज’ से नही दबा पाएंगे।’ पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा कि दैनिक भास्कर के सभी दफ़्तरों में आयकर विभाग के छा’पा, दर्जनों चैनलों को अपने इशारों पर न’चाने वाले एक अख़बार का सच तक बर्दा’श्त नहीं कर सके।कितने कमजो’र, कायर और डरपो’क लोग बैठे हैं सरकार में? आपातकाल घोषित क्यूँ नहीं कर देते? अब बचा ही क्या है?

@RoflGandhi_ ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि ये सब करके तो गुमनाम ट्वीटर हैंडल नहीं बच पाते, ये घर घर जाने वाला अखबार ऐसी गुस्ताखी कर रहा था। पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा कि डरा हुआ पत्रकार म’रा हुआ लोकतंत्र बना रहा है।


वहीं पत्रकार अजीत अंजुम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अगर आप सत्ता से सवाल करने वाली पत्रकारिता करते हैं तो सलाखों के पीछे जाने को भी तैयार रहें। छा’पे तो ट्रेलर हैं। अगर मोदी और शाह की सत्ता के सामने लो’टने/ लेटने और उनकी भजन/आरती वाली पत्रकारिता कर रहे हैं तो मस्त रहिए। आप तय कर लीजिए कि क्या करना है?