रायबरेली में साथ काम करेंगी स्मृति ईरानी और सोनिया गाँधी, ईरानी को द‍िया गया अध्‍यक्ष का पद, जान‍िए मामला

उत्तर प्रदेश के अमेठी में झंडे गाड़ने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अब सूबे के रायबरेली में भी धीरे-धीरे जड़ें जमा रही हैं। अमेठी और रायबरेली, जो कि शुरुआत से कांग्रेस पार्टी के गढ़ माने जाते रहे हैं, में पहले ही ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को पिछले आम चु’नाव में शि’कस्त दी थी।

इस बार ईरानी ने रायबरेली की जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) में अध्यक्ष पद अपने नाम कर लिया है। वे अमेठी जिले की दिशा चेयरपर्सन पहले से ही हैं। गौरतलब है कि रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं।

विदित हो कि स्मृति ईरानी ने कुछ इसी अंदाज में 2014 में अमेठी में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं। पांच साल बाद चुनाव हुए तो उन्होंने राहुल गांधी को हरा दिया। अब सियासी गलियारों में इस तरह की अटकलें हैं कि रायबरेली में स्मृति ईरानी की एंट्री के पीछे क्या कोई बड़ा पॉलिटिकल प्लान हो सकता है। स्मृति ईरानी की कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में एंट्री ऐसे समय पर हुई है जब अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के गढ़ में स्मृति ईरानी की एंट्री को कई लोग सियासी सेंध लगाने के तौर पर भी देख रहे हैं।

मा’मले पर कांग्रेस पार्टी की ओर से ना’राजगी जाहिर की गई है क्योंकि जहां स्मृति ईरानी को अध्यक्ष बनाया गया है वहीं सोनिया गांधी को उपाध्यक्ष बना कद छोटा कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी ने इसे ओछी राजनीति करार दिया है।बता दें कि इससे पहले रायबरेली की जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) में राहुल गांधी को उपाध्यक्ष तो वहीं सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाया गया था।

मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के बाद हर बार दिशा के लिए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का मनोनयन ग्रामीण विकास मंत्रालय से होता है। बिना मनोनयन के जिले में दिशा का गठन नहीं किया जा सकता है।भारत सरकार से मनोनयन का पत्र आ गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अध्यक्ष, जबकि सांसद सोनिया गांधी को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का मनोनयन किए जाने के बाद डीएम के स्तर से दिशा का गठन किया जाता है। दिशा में सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों व अन्य संसद सदस्यों को शामिल किया जाता है।