सिपाही सैय्यद अबू ताहिर की हर तरह क्यों हो रही है इतनी तारीफ

आइये सिपाही सैय्यद अबु ताहिर को सलाम भेजते हैं

तमिलनाडु के त्रिची में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। किसी तरह ज़िला अस्पताल पहुँची। डॉक्टर ने कहा कि आपरेशन करना होगा और रक्त की ज़रूरत पड़ेगी। उसका पति तालाबंदी की परवाह न करते हुए सड़क पर निकल पड़ा।

यही मुलाक़ात होती है सिपाही सैय्यद अबु ताहिर से। वो इस व्यक्ति से पूछताछ करने लगता है कि तालाबंदी में कहाँ जा रहा है। सिपाही कहता है उसका भी ब्लड ग्रुप वही है जो प्रसूता का है। वह अस्पताल चल पड़ता है। खून देता है। माँ और बच्चा स्वस्थ्य हैं।

यह ख़बर सुन कर एस पी उसे एक हज़ार का इनाम देते हैं। राज्य के पुलिस प्रमुख 10,000 इनाम में देते हैं।

23 साल का सैय्यद अबु ताहिर 11000 रुपये ले जाकर उस महिला को दे देता है जिसके बच्चा हुआ है। महिला का नाम सुलोचना है।

IPS Association ने ये जानकारी ट्विट की है।

रवीश कुमार की fb वाल से लिया गया लेख

एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के त्रिचि का यह मामला है। 25 साल की सुलोचना अस्पताल पति और एक रिश्तेदार के साथ इलाज कराने जा रही थी। तभी कॉन्स्टेबल एस सैयद अबू ताहिर उन्हें रास्ते में मिला जिन्होंने उन्हें रोक लिया। उसके बाद जब पूछ्ताछ करी तो उन्हें पता चला कि अस्पताल जल्दी उन्हें पहुंचने के लिए गाड़ी की आवश्यकता है।

टैक्सी को बुलवाया

सुलोचना के लिए पहले अबू ताहिर ने टैक्सी को बुलाया। उनके अस्पताल जाने का पूरा इंतजाम किया। जब सुलोचना अस्पताल पहुंची तो पता चला कि रक्त की आवश्यकता उन्हें है। तभी पता चला की ब्लड ग्रुप ओ-पॉजिटिव सुलोचना का है।

रक्त दान भी बाद में दिया

अस्पताल पहुंचने के बाद अबू ताहिर को पता चला कि अरजेंट ही खून सुलोचना को चाहिए था। किसी से भी उसका ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो रहा था। हालांकि ब्लड ग्रुप अबू ताहिर का ओ-पॉजिटिव ही था। फिर अस्पताल वह रक्त देने के लिए चले गए।

पता नहीं क्या होता अगर वो नहीं होते

इस पर सुलोचना के पति Ezhumalai ने कहा कि अगर सही मौके पर मदद के लिए वह पुलिसकर्मी नहीं आते तो पता नहीं क्या हो जाता। उन्होंने आगे कहा कि आज सुलोचना और मेरी बच्ची स्वस्थ है तो केवल उनकी बदौलत।