कमलनाथ सरकार गिराने को लेकर बीजेपी के केंद्र नेतृत्व से मिला था आदेश, शिवराज का ऑडियो हुआ वायरल!

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक क’थित ऑडियो क्लि’प वा’यरल हुई है जिसमें वो इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं.

क्लिप में चौहान को यह कहते हुए सुना गया है, “केन्द्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिये नहीं तो ये बर्बा’द कर देगी, तबा’ह कर देगी और आप बताओ ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी? और कोई तरीका नहीं था. कांग्रेस कह रही है धोखा तुलसी सिलावट ने न दिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न दिया, धोखा कांग्रेस ने दिया.” हालांकि एनडीटीवी इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है.

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने ती’खी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बीजेपी शुरू से ही कांग्रेस के इन आ’रोपों को नका’रती रही. जबकि पूरे प्रदेश ने देखा कि जो विधायक बेंगलुरु में बंधक बनाए गए थे, उनके साथ बीजेपी के नेता मौजूद थे.

उनकी तस्वीरें भी कई बार सामने आई, लेकिन कल तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आ’रोपों पर मोहर लगा दी है.

इससे इस बात की भी पुष्टि हो गई है बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इस साजिश व षड्यं’त्र में शामिल था और जानबूझकर कांग्रेस सरकार को गिरा’या गया और सरकार गिराने में सिंधिया की इसलिए मदद ली गई क्योंकि उनके बगैर सरकार गिर नहीं सकती थी.

इसी से समझा जा सकता है कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं था ,सरकार के पास पूर्ण बहुमत था सिर्फ बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर व चाहने पर जानबूझकर षड्यंत्र व साजिश रच कर कांग्रेस की राज्य की लोकप्रिय सरकार को गिरा’या गया.’

बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेता बार बार कहते रहे हैं कि बीजेपी की मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पत’न में कोई भूमिका नहीं थी.

शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से सरकार बनाई है, जिन्होंने मार्च में कांग्रेस से बीजेपी में प्रवेश किया था. सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार का प’तन हो गया.

चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव के तारीखों की घोषणा नहीं की है जो सितंबर में संभावित हैं. 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 206 सदस्य हैं, जिनमें से 107 बीजेपी के हैं. कांग्रेस के 92 सदस्य हैं. चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और तीन बसपा विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं. वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 104 है.

साभार: एनडीटीवी