एमपी : मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी में प’ड़ी द’रार, ध’रने पर बैठे कई वफादार नेता

लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। जिसमें 28 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। खास बात ये रही कि इसमें से 11 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गु’ट के थे। मंत्रिमंडल विस्तार के अब बीजेपी में वि’रो’ध के सुर उठने लगे हैं। इस बीच वरिष्ठ नेता उमा भारती ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को चिट्ठी लिख डाली, तो वहीं कई ना’रा’ज कार्य’कर्ताओं ने अपने नेताओं के सम’र्थन में प्रद’र्श’न किया।

दरअसल उमा भारती चाहती थीं कि बुंदेलखंड क्षेत्र और लोधी जाति के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिले लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने पार्टी को चिट्ठी लिखकर अपनी नारा’ज’गी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी। मुझे खुशी है कि कांग्रेस ध्व’स्त हुई और सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में मेरे विचार को नजर’अंदा’ज किया गया, ऐसे में फिर से मंत्रियों की सूची में संशो’धन हो।

इस बीच मंदसौर में बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के समर्थक ध’रने पर बैठ गए, वो अपने नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की मां’ग कर रहे थे। इसके अलावा देवास में गायत्री राजे के समर्थनों ने भी प्रद’र्श’न किया, वो भी मंत्रिमंडल में जग’ह नहीं मिलने से ना’रा’ज थे।

ये है मंत्रिमंडल का गणित-

बीजेपी में शामिल हुए 22 कांग्रेस विधायकों में से 14 को मंत्री बनाया गया है। इसमें 10 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री हैं। मंत्री बने 11 विधायक सिंधिया के वफा’दार बताए जाते हैं। ऐसे में देखा जाए तो 34 सदस्यों वाले इस मंत्रिमंडल में 41 प्रतिशत तो पूर्व कांग्रेसी हैं, जबकि 59 प्रतिशत बीजेपी के। वहीं जा’तीय समीक’रण की बात करें तो 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में आठ ठाकुर, तीन ब्राह्मण, एक कायस्थ, एक सिख, 4 मंत्री अनुसू’चित जाति और चार अनु’सूचित जनजाति से हैं।

शिवराज ने पिया वि’ष?

बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि मं’थन से तो अमृत ही निकलता है, वि’ष तो सिर्फ शिव पीते हैं। ऐसे में साफ था कि उन्होंने सिं’धिया गुट को संतुष्ट करने के लिए कई नेताओं को ना’रा’ज किया है।

अब तक का राजनीतिक घ’टना’क्रम?

सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्ती’फा दे दिया था। जिसके बाद 20 मार्च को कमलनाथ को भी इस्ती’फा देना प’ड़ा और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गि’र गई। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

कोरो’ना महा’मा’री और लॉ’क’डा’उन के बीच 29 दिन तक वो अकेले ही सरकार चलाते रहे। इसके बाद 5 मंत्रियों वाली मिनी कैबिनेट ने 21 अप्रैल को शपथ ली, जिनमें कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खे’मे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत शामिल थे।