कोरो’ना के खिला’फ जंग में लॉकडाउन का तीसरा चरण आज से शुरू हो गया है. इस लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है, जिन पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जोन के हिसाब से लोगों को छूट दी है. इस छूट में सबसे अहम शराब की बिक्री है.
शराब बिक्री पर छूट का असर ये हुआ है कि सोमवार से तमाम शराब दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है. उधर सरकार के इस फैसले के खिलाफ यूपी पुलिस का ही एक अफसर खड़ा हो गया. लखनऊ के एसीपी अनिल कुमार ने इस संबंध में ट्वीट कर सरकार से मांग की कि तत्काल शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए.
लखनऊ के एसपी ने लिखा, “शराब की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए. 40 दिन की मेहनत बर्बाद हो रही है.”
बता दें शराब की दुकानों को खोले जाने के मुख्य सचिव की तरफ से आदेश दिए गए थे. 4 मई सुबह 10 बजे दुकानों को खोले जाने की हिदायत दी गई थी. साथ ही साथ इस बात का भी आदेश दिया गया था कि दुकानों के खुलने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. सभी नियम कायदे कानून को पूरी तरह से दुकानों पर अप्लाई कराया जाए. इसका जिम्मा लोकल पुलिस पर है.
वायरल हुआ ट्वीट तो करना पड़ा डिलीट
एसीपी की मंशा को’रोना सं’क्रमण को रोकने की थी, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका ट्वीट वायरल हो गया। इसपर लोग तरह-तरह की टिप्पणी करने लगे। एसीपी ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री, उनके कार्यालय, सीएम, सीएम कार्यालय तथा पुलिस आयुक्त को टैग किया था। एसीपी का यह ट्वीट फौरन ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस महकमे में भी खलबली मच गई। एसीपी के ट्विटर हैंडल से सरकार के फैसले पर सवाल उठता देख उच्चाधिकारी हरकत में आए। आननफानन अधिकारियों ने एसीपी से बात की और उन्हें समझाया। इस पर एसीपी ने ट्वीट डिलीट कर दिया।
दूसरे ट्वीट में मांगी माफी
इसके बाद एसीपी ने दोबारा ट्वीट करते हुए लिखा-” अंजाने में गलत ट्वीट हो गया। इसके लिए क्षमा मांगता हूं।” एसीपी ने दोबारा किए ट्वीट में भी पीएमओ और सीएम ऑफिस को टैग किया था।