वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार न्यूज़ चैनल एनडीटीवी का एक जनामाना चेहरा है। उनका शो प्राइम टाइम ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि बल्कि भारत के बाहर बड़े पैमाने पर देखा जाता है। उनके कार्यक्रम को निष्पक्षता का मुद्दा माना जाता है। जिसमे वे सामाजिक और आम जनता से जुड़े मुद्दे उठाते है।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को न्यूज़ चैनल एनडीटीवी के खिलाफ सख्त कदम उठाने से रोक दिया है। एनडीटीवी के प्रवर्तकों (प्रमोटरों) प्रणय राय और राधिका राय के खिलाफ कुछ ऋण समझौतों में शेयरधारकों से जानकारी छुपाने के मा’मले में सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दिये अपने आदेश में कहा कि कथित उल्लंघन से संबंधित मा’मले में तब तक कोई कठोर कदम न उठाए, जब तक कि वह 3 सितंबर को उनकी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर लेता। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘हम मा’मले को टाल देंगे, लेकिन (तब तक) कोई दंडात्मक कार्रवाई न कीजिए।’’
एनडीटीवी के प्रवर्तकों ने सैट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अपील में आने से पहले कथित रूप से गलत तरीके से अर्जित लाभ का एक हिस्सा जमा करने को कहा गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपनी जांच में पाया कि एनडीटीवी के इन दोनों प्रवर्तकों ने गलत तरीके से लाभ कमाया है।
सैट ने एनडीटीवी के प्रमोटरों को सेबी के सामने 50 फीसदी राशि जमा करने का निर्देश दिया था। सैट ने यह भी नोट किया था कि अगर एनडीटीवी राशि को जमा करता, तो ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील के लंबित रहने के दौरान शेष राशि की वसूली नहीं की जाएगी।