जल्द नहीं सुधरने वाले हाला’त, आगामी वित्त वर्ष में -11% होगी जीडीपी : SBI रिपोर्ट में दावा

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर में 23.9 पर्सेंट की भारी गि’रावट के बाद एसबीआई ने पूरे साल के अपने अनुमान में और क’टौती कर दी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के मुताबिक बैंक ने इस वित्त वर्ष जीडीपी में -6.8 प्रतिशत की गि’रावट की आ’शंका जताई थी, लेकिन अप्रैल से जून की पहली तिमा’ही की जीडीपी गिरावट उसके अनुमान से कहीं ज्यादा है।

अब बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में 10.9 पर्सेंट की गि’रावट की आशं’का जताई है। सरकार ने कुछ दिन पहले ही अप्रैल-जून की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी किए थे, जिसके अनुसार जीडीपी रिकार्ड 23.9 प्रतिशत नीचे आ गई। जीडीपी में भारी गि’रावट का कारण कोरो’ना’वायरस को रो’कने के लिए 25 मार्च को लगाया गया लॉ’कडॉ’उन माना जा रहा है, जिसकी वजह से सभी आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई थी।

इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च की जीडीपी ग्रोथ 3.1 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत रही। रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2020-21 की चारों तिमाही में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी और -10.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी के -12 प्रतिशत से -15 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

तीसरी तिमाही में जीडीपी के -5 से -10 प्रतिशत और चौथी तिमाही में जीडीपी का -2 से -5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। जैसा कि उम्मीद थी प्राइवेट फाइनल कंजर्वेशन एक्सपेंडिचर (PFCE) की ग्रोथ कोरोना में कंजप्शन में क’मी के कारण गिर गई है।

रिपोर्ट की मानें तो कोरो’नावायर’स महामा’री ने लोगों के खर्च करने के तरीकों को प्रभावित किया है, चाहे वो शिक्षा और स्वास्थ्य पर व्यक्तिगत कंजप्शन खर्च ही हो। हालांकि इन आंकड़ों के बीच दो पॉजिटिव चीजें भी देखने को मिल रही है। पहला जुलाई के आरबीआई के सेक्टरवाइज क्रेडिट डाटा के अनुसार जुलाई में इंडस्ट्री के अलावा सभी मुख्य क्षेत्रों में क्रेडिट बढ़ा है।

माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज, कृषि और व्यक्तिगत लोन लोन क्रेडिट में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। दूसरा, पहली तिमाही में रोडवेज, बेसिक केमिकल, बिजली, अस्पताल और सीवेज पानी की पाइपलाइन क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट की घोषणा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कंस्ट्रक्शन व्यापार होटल और एविएशन सेक्टर को दोबारा से रिवाइव करने की जरूरत है।