इस क्षेत्र को छोड़कर बाकि सभी क्षेत्रों की सरकारी कंपनियों का होगा निजीकरण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सार्वजनिक उद्यम नीति लाने की रविवार को घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा पिछले कुछ दशकों में भारत और दुनिया तेजी से बदले हैं. इसे देखते हुए नई नीति की जरूरत है.

इसके तहत, सभी क्षेत्रों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला जाएगा पर साथ में सरकारी कंपनी भी रहेगी. सभी स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स (सामरिक रूप से अहम क्षेत्र) में एक सरकारी कंपनी तो रहेगी ही निजी कंपनी को भी मंजूरी दी जाएगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि साथ ही दूसरे सेक्टर्स में सभी सरकारी कंपनी का निजीकरण किया जाएगा. फिजूल खर्च और एडमिनिस्ट्रेटिव (प्रशासनिक) खर्च को कम करने के लिए सामरिक क्षेत्र में एक से चार ही इंटरप्राइजेज रहेंगी, बाकी का निजीकरण किया जाएगा या विलय किया जाएगा या फिर होल्डिंग कंपनी के साथ विलय किया जाएगा.

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा के तहत अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा की. साथ ही शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जाने वालों सुधारों का ऐलान किया.

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से उपजी समस्याओं और संकट के बीच अवसर तलाश किया जा रहा है. आज भी कई क्षेत्रों में सुधार की घोषणा की जाएगी. 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सभी का ध्यान रखनी की कोशिश की गई है.

डीबीटी के जरिये लाभार्थियों तक सहायता राशि भेजी जा रही है. यह तभी संभव हो पाया जब हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल पिछले चार सालों से अधिक समय से कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नाफेड, एफसीआई और राज्य सरकारों का धन्यवाद कहना चाहूंगी कि जो ऐसे संकट के समय मे गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज देने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि 20 करोड़ जनधन खातों में पैसे भेजे गए जिसमें 10025 करोड़ की मदद दी गई.

उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ फ्री सिलेंडर दिए गए. गरीबों के लिए फ्री अनाज मुहैया कराया जा रहा है. निर्माण कार्य मे मज़दूरों की मदद की जा रही है. 8.19 करोड़ किसानों के खातों में 2000 रुपये की किस्त डाली गई है.