संयुक्त राष्ट्र ने भारत की ग्रोथ का अनुमान घटाया, चीन रहेगा आगे, इन देशों की होगी माइनस में

संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2020 के लिए भारत की आर्थिक ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 1.2 फीसदी कर दिया है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी की तेज गिरावट की आशंका जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था एक तरह से पंगु हो गई है।

अनिश्चितता बढ़ गई है और 1930 की महामंदी के बाद यह पहला मौका है, जब इतना बड़ा संकट देखने को मिला है। संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर जारी अपने अनुमान में कहा कि दुनिया की जीडीपी में 3.2 फीसदी की कमी आएगी।

हालांकि 2021 में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिलेगा। विश्व अर्थव्यवस्था को इसके चलते 2020 और 2021 में 8.5 ट्रिलियन डॉलर के आउटपुट का नुकसान होगा। इस तरह से दुनिया को 4 सालों में जो उत्पादन के चलते जो लाभ हुआ था, वह खत्म हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2020 में भारत की आर्थिक ग्रोथ 1.2 फीसदी रहेगी, जो कि 2019 से ही मंदी का सामना कर रही है। बीते साल भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी ही थी। 2018 में 6.8 फीसदी की ग्रोथ हासिल करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021 में सुधार होने अनुमान लगाया गया है।

अगले साल भारत की इकॉनमिक ग्रोथ 5.5 फीसदी हो सकती है। ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावना’ नाम से तैयार रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 2019 से ही मंदी की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का गहरा असर देखने को मिल सकता है और ग्रोथ 1.2 फीसदी पर ही ठहर सकती है।

भारत से आगे रह सकता है चीन

हालांकि रिपोर्ट में चीन की आर्थिक ग्रोथ के भारत से ज्यादा रहने का अनुमान जताया गया है। चीन की आर्थिक ग्रोथ 2020 में 1.7 फीसदी रह सकती है। सबसे बड़ा झटका दुनिया के अमीर देश कहे जाने वाले अमेरिका और यूरोपिय देशों को लग सकता है। अमेरिका, जापान और यूरोपियन यूनियन की आर्थिक ग्रोथ निगेटिव में जाने का अनुमान जताया गया है।

अमेरिका, जापान, EU की ग्रोथ हो सकती है निगेटिव:

2020 में अमेरिका की आर्थिक ग्रोथ का अनुमान -4.8 फीसदी रखा गया है, जबकि जापान की ग्रोथ -4.2 फीसदी और यूरोपियन यूनियन की -5.5 पर्सेंट रह सकती है। इसके अलावा ब्रिटेन की इकॉनमी -5.4 फीसदी रह सकती है। इस संकट के चलते विकासशील देशों की जीडीपी ग्रोथ में 5 फीसदी की कमी होने की आशंका है और आउटपुट में इजाफा 0.7 फीसदी ही रह सकता है।