सामने आई असली अनामिका शुक्ला, किये चौंकाने वाले खुलासे

उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में और सत्ता के गलियारे में पिछले कई दिनों से सनसनी बने हाई प्रोफाइल अनामिका शुक्ला मामले का आज गोंडा जिले में पटाक्षेप हो गया. इस मामले की शासन स्तर से जांच चल रही थी और इसमें तह तक जाने के लिये एसटीएफ भी लगाई गई थी. आज न्यूज 18 के सामने अनामिका शुक्ला और इसके बाद सीधे गोंडा के बीएसए कार्यालय पहुंची.

गोंडा में ही जन्म, पढ़ाई और शादी 

अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर प्रदेश के कई जनपदों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कई लोगों की नौकरी चल रही थी. पता चला है कि अनामिका शुक्ला असल में गोंडा जिले की ही रहने वाली है. अनामिका शुक्ला ने गोंडा में ही पढ़ाई पूरी की और यहीं पर उसकी शादी भी हुई. वह अपने पति और बच्चे के साथ रह रही है.

कस्तूरबा विद्यालय में कभी नौकरी नहीं कीअचानक अपने नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद और इससे जुड़ी तमाम खबरें आनी शुरू हुईं तो अनामिका शुक्ला परेशान होकर बीएसए दफ्तर पहुंची. यहां वह अपने सारे अभिलेख लेकर बीएसए इंद्रजीत प्रजापति से मिलीं. न्यूज 18 से बातचीत में अनामिका शुक्ला ने आपबीती बताई.

उन्होंने कहा कि 2017 में उन्होंने कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में साइंस टीचर के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ में आवेदन किया था. लेकिन व्यक्तिगत कारणों से वह काउंसिलिंग के लिए उपस्थित नहीं हो सकी थीं. उन्होंने कभी भी कहीं भी कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी नहीं की है. न ही वह इस समय नौकरी कर रही हूं.

पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी: बीएसए 

अनामिका शुक्ला ने कहा कि मैं निर्दोष हूं और मेरे अभिलेखों का गलत प्रयोग कर कई जनपदों में नौकरी ले ली गई है. अनामिका अपने पति और बच्चे के साथ पहुंचीं और एक-एक कर अपने अभिलेख प्रस्तुत किए. वहीं बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने न्यूज 18 से बताया कि अब इस मामले का पटाक्षेप हो गया है. अनामिका गोंडा की ही है लेकिन उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर तमाम लोगो ने फर्जी नौकरी पा ली. पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

कोतवाली में दिया एफआईआर के लिए प्रार्थनापत्र 

मामले में अनामिका शुक्ला ने गोंडा में कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक को पत्र भी लिखकर मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कभी भी कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी नहीं की गई है और न ही की जा रही है.

इस संबंध में उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया है. अखबार में छपी खबरों से ये प्रतीत होता है कि प्रार्थिनी के शैक्षिक प्रमाण-पत्रों का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से लोगों द्वारा कस्तूरबा आवासी बालिका विद्यालय में नौकरी प्राप्त कर ली गई है. आपसे अनुरोध है कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करें.