संघियों ने मोदी सरकार के खि!लाफ़ खोला मोर्चा, इस ऐलान से म!च गई भाजपा में ख़!लबली

संघ परिवार में अहम आर्थिक सुधार के मसले पर मत”भेद खुलकर सामने आ गए हैं। आरएसएस के संगठन भारतीय मज़दूर संघ (BMS) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSUs) के निजीकरण और विनिवेश के बड़े ऐलान के खि’लाफ देश भर में 10 जून को वि’रोध प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है।

भारतीय मज़दूर संघ के नेता नाराज़ हैं कि मोदी सरकार ने श्रमिक संगठनों से बातचीत किये बगैर ही सरकारी उपक्रमों के निजीकरण और विनिवेश का बड़ा ऐलान कर दिया।

उन्होंने मोदी सरकार की इस नीति को मज़दूरों के हितों के खि’लाफ बताते हुए देश व्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है। भारतीय मजदूर संघ के जोनल सेक्रेटरी ने एनडीटीवी से कहा, ‘हम पूरे देश में 10 जून से वि’रोध प्रदर्शन और ध’रना शुरू करने जा रहे हैं। मोदी सरकार सुधार के नाम पर मजदूर वि’रोधी फैसले कर रही है। ये रिफॉर्म पैकेज देश के हित के खि’लाफ है। सरकार सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को ही मा’रना चाहती है’।

मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय मज़दूर संघ के नेताओं ने तय किया है की वो देश में मोदी सरकार के खि’लाफ ‘सेव पब्लिक सेक्टर, सेव इंडिया’ मुहिम शुरू करेंगे। मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को बेचने का देश भर में विरोध शुरू होगा। रेलवे और डिफेन्स आर्डिनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड के कोर्पोरटिजशन का फैसला गलत है। कोयला सेक्टर का व्यवसायीकरण मज़दूर के हित में नहीं है। बीएमएस का मानना है कि डिफेन्स जैसे स्ट्रेटेजिक सेक्टर में एफडीआई गलत है।

भारतीय मज़दूर संघ के अलावा देश के 10 बड़े केंद्रीय श्रमिक संगठन भी लामबंद हो गए हैं और सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। सीटू के महासचिव तपन सेन का कहना है कि मोदी सरकार ने मज़दूरों के खि’लाफ देश में जंग छेड़ दी है।

हमने तय किया है कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन जुलाई के पहले हफ्ते में देशव्यापी आंदोलन करेंगे। कुल मिलाकर अब ये तय है कि कोरोना संकट और लॉकडाऊन की वजह से गिर’ती अर्थव्यवस्था को संभालने की जद्दोजहद में जुटी सरकार को अब एक और मो’र्चे पर घि’रती नज़र आ रही है।