एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि वह रोहिंग्या शरणार्थियों को लॉकडाउन के दौरान उचित मात्रा में राशन उपलब्ध करा रही है। सरकार ने जानकारी दी है कि वह रोहिंग्या शरणार्थियों के तीन कैंप जो दक्षिण, उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित है।
सरकार ने यह जानकारी हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनमोहन और संजीव नरुला की पीठ को दी जो खजूरी खास, श्रम विहार और मदनपुर खादर में बसे रोहिंग्याओं को तुरंत राहत देने की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। सरकार के वकील संजय घोष और उर्वी मोहन ने ये भी जानकारी दी कि इन तीनों कैंप के आसपास चार भोजन केंद्र चलाए जा रहे थे।
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरुला ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया। याचिका फजल अब्दाली ने दायर किया था। याचिकाकर्ता की ओर से वकील स्नेहा मुखर्जी ने कोर्ट से कहा था कि दिल्ली के खजूरी खास, श्रम विहार और मदनपुर खादर में रहने वाले तीन रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों को तुरंत राहत उपलब्ध कराया जाए।
याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से को’रोना से निपट’ने के लिए जो राहत पैकेज घोषित किए गए उनमें रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए कुछ नहीं था।
याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई 2018 को रोहिंग्या शरणार्थियों को बुनियादी सुविधाए जैसे पेयजल, सफाई, चिकित्सा सुविधा, बच्चों की शिक्षा इत्यादि उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद रोहिंग्या शरणार्थियों को ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पिछले 31 मार्च और 23 अप्रैल को संबंधित अधिकारियों को जो ई-मेल भेजे थे उसमें रोहिंग्याओं की समस्याओं को लेकर सामान्य किस्म की शिकायतें की थी लेकिन उसमें स्पष्ट विवरण नहीं था।