को’रोनावा’यरस के कारण लॉकडाउन के बीच घायल पिता को गुड़गांव से साइकिल पर बैठाकर बिहार के दरभंगा पहुंची 15 साल की ज्योति कुमारी की तारीफ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की है। उन्होंने ज्योति को हिम्मती बताया। प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने खेल मंत्री किरण रिजिजू से इस टैलेंट को पहचानने की बात कही है।
During these difficult times we all are doing the best to help citizens. Was moved to see the courage of a young girl from Bihar who paddled for over 1000 Kms on cycle from Gurugram to Darbhanga with her father as pillion.
Spoke to @KirenRijiju for identifying her talent (1/2) pic.twitter.com/BBBxSOV6K0— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 23, 2020
इससे पहले भारतीय साइक्लिंग फेडरेशन (सीएफआई) ने ज्योति को दिल्ली आकर ट्रायल देने का मौका देने की बात कही है। अगर वो ट्रायल पास करती है, तो उसे दिल्ली स्थित आईजीआई स्टेडियम परिसर में अत्याधुनिक नेशनल साइक्लिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा।
6 साल में देश का ये हाल बना दिया कि एक बेटी को 1200 KM अपने पिता को लाद साईकल से जाना पड़ रहा है!
पर शर्म तो तुम्हें आएगी नहीं!😢
— The Protagonist🚩🚩 (विवेक सिंह) (@kvivekbr) May 23, 2020
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘बिहार की एक लड़की के साहस के बारे में जाना, जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक अपने पिता के साथ 1000 से ज्यादा किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उनकी प्रतिभा निखारने के लिए खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात की।
सवाल हजार किमी. सायकल चलाने का है कि उस नाकाम व्यवस्था पर जिसकी वजह से एक मासूम लड़की को ये भुगतना पड़ा.
हर जगह कट पेस्ट कर बयान देने से संवेदनशीलता अपना अर्थ और महत्व खो देती है. नेताओं के शब्दों से तो संवेदनशीलता के शब्द भी कटार जैसे चुभते हैं.— जय हिन्द (@Jago_Bharati) May 23, 2020
साथ ही खेल मंत्री से बिहार की इस साहसी लड़की को प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति के माध्यम से पूर्ण समर्थन देने का अनुरोध किया है। यदि वह इच्छुक हैं, तो उन्हें एक साइक्लिस्ट के रूप में विकसित किया जा सकता है।’’
ये नेता लोगों को बेवकूफ ही समझते हैं, गरीबी और लाचारी को कैसे घुमा कर टैलेंट बता रहे हैं। जनता सच में बेवकूफ है।
— Anurag Chauhan (@AnuraggSingh) May 23, 2020
कानून मंत्री के इस ट्वीट पर कई लोग भड़’क गए। एक यूजर ने लिखा, ‘‘6 साल में देश का ये हाल बना दिया कि एक बेटी को 1200 किमी अपने पिता को लाद साइकिल से जाना पड़ रहा है। पर श’र्म तो आएगी नहीं।’’
https://twitter.com/abhishek_rising/status/1264404224244408321?s=20
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘‘मोदी जी मजदूरों को ट्रेन से पहुंचा देते लेकिन मोदी जी ने दिमाग से काम लेकर ओलंपिक के लिए खिलाड़ी ढूंढ लिए।’’ एक यूजर ने कहा, ‘‘ये नेता लोगों को बेवकूफ ही समझते हैं, गरीबी और लाचा’री को कैसे घुमा कर टैलेंट बता रहे हैं। जनता सच में बेवकूफ है।’’
https://twitter.com/rkrajasthani64/status/1264361389180760067?s=20
एक यूजर ने कमेंट किया, ‘‘सवाल हजार किमी साइकिल चलाने का है कि उस नाकाम व्यवस्था पर जिसकी वजह से एक मासूम लड़की को ये भुगतना पड़ा। हर जगह कट पेस्ट कर बयान देने से संवेदनशीलता अपना अर्थ और महत्व खो देती है। नेताओं के शब्दों से तो संवेदनशीलता के शब्द भी कटार जैसे चुभते हैं।’’
प्रिय नेता जी थोड़ा भी शर्म बचा है तो पहले माफ़ी मांगो, केंद्र और बिहार सरकार के निकम्मेपन की वजह से जिस बच्चे को हज़ारों किलोमिटर साइकिल से जाने को मजबूर होना परा!
टैलेंट identify की जरूरत नहीं है बिहार के बच्चे अपने टैलेंट के वजह से ही जाना जाता है कोई सरकार के भरोसे नहीं बैठा!— Shrawan Sharma (@SS_Shrawan) May 24, 2020
ज्योति ने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बैठाकर गुड़गांव से दरभंगा तक की करीब 1200 किमी की दूरी 8 दिन तय की। ज्योति ने इस दौरान रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई।