राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने लगाया ये पैं’तरा, हार्दिक पटेल ने कहा…

गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक उठा’पटक शुरू हो गई है। 19 जून को होने वाले चुनाव से पहले ही कांग्रेस के तीन विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इसके ठीक बाद कांग्रेस ने अपने बाकी बचे 65 विधायको को एक रिजॉर्ट में भेज दिया, ताकि अन्य विधायकों के इस्तीफे रो’के जा सकें और राज्यसभा सीट जीतने के लिए पार्टी की तालि’का बरकरा’र रखी जा सके। बताया गया है कि कांग्रेस ने अपनी विधायकों को तीन समूहों में बां’टकर गुजरात के ही अंबाजी, राजकोट और वडोदरा स्थित रिजॉर्ट में छि’पाया है।

इस बीच कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने 2017 के पाटीदार आंदोलन में करीबी सहयोगी रहे विधायक बृजेश मेरजा के इस्तीफे पर ना’राजगी ज’ताई है। उन्होंने कहा, “लोगों को ऐसे विधायकों को चप्पलों से पी’टना चाहिए, जो अपने वोटरों के साथ ही धो’खा करते हैं। मुझे विश्वास है कि लोग इन धो’खेबाज विधायकों को उपचुनाव में अच्छा सबक सिखाएंगे, जैसा जनता पहले भी कर चुकी है।”

गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव पहले मार्च में होने थे, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के मा’मले बढ़ने के बाद इन्हें टा’ल दिया गया। तब से लेकर अब तक कांग्रेस के 8 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस हफ्ते वडोदरा के कर्जन से विधायक अक्षय पटेल, वलसाड के कप्रदा से विधायक जीतू चौधरी और मोरबी के विधायक बृजेश मेरजा ने इस्तीफा दिया है। इसके चलते कांग्रेस की गुजरात से दो राज्यसभा सीटें जीतने की उम्मीदों को झ’टका लगा है।

विधायकों के इस्तीफे पर हार्दिक का कहना है कि भाजपा राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए हरसंभव जुगत लगा रही है। वह चुनाव से पहले ही कांग्रेस विधायकों पर दबा’व बनाने में जुटी है। भाजपा के पास लोकसभा में तो संख्या है, लेकिन राज्यसभा में उन्हें बहुमत के लिए संघर्ष करना प’ड़ता है। इसलिए राज्यसभा चुनाव में वे अपने ज्यादा से ज्यादा नेताओं को जिताना चाहते हैं।

हार्दिक ने कहा कि अब यह जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है कि वह दलब’दल करने वाले नेताओं पर अपना पक्ष साफ करे और पल’टू नेताओं के खि’लाफ का’र्रवाई कर उदाहरण पेश करें, ताकि लोगों का लोकतंत्र पर भरोसा फिर से कायम हो। जो भी विधायक अपने वोटर्स का भरोसा तो’ड़कर पार्टी ब’दलते हैं, उनके खि’लाफ क’ड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।