कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ये पूछा कि क्या लद्दाख में चीन ने भारतीय क्षेत्र पर क़’ब्ज़ा किया है?
राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट किया, “हमारे रक्षा मंत्री हाथ के चुनाव चिन्ह पर टिप्पणी कर रहे हैं. क्या वो इस सवाल का जवाब दे सकते हैं. क्या लद्दाख में चीन ने भारतीय क्षेत्र पर क़ब्ज़ा किया है?”
सोमवार को भारत-चीन सीमा विवा’द पर राहुल गांधी ने एक शेर के ज़रिए टिप्पणी की थी…
सब को मालूम है ‘सीमा’ की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़्याल अच्छा है।https://t.co/cxo9mgQx5K— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 8, 2020
“सब को मालूम है ‘सीमा’ की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को, ‘शाह-यद’ ये ख़याल अच्छा है.”
इसके बाद राजनाथ सिंह ने जवाब में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी पर तंज़ करते हुए कहा था…
“मिर्ज़ा ग़ालिब का ही शेर थोड़ा अलग अन्दाज़ में है….
‘हाथ’ में दर्द हो तो दवा कीजै,
‘हाथ’ ही जब दर्द हो तो क्या कीजै…”
हालांकि फिर राजनाथ ने सिंह ने जवाब भी दिया, “कांग्रेस के कई नेता सवाल पूछ रहे हैं कि भारत चीन सीमा पर क्या हो रहा है? मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहूँगा कि संसद में इस बारे में विस्तार से जानकारी दूँगा.
मिर्ज़ा ग़ालिब का ही शेर थोड़ा अलग अन्दाज़ में है। ‘
‘हाथ’ में दर्द हो तो दवा कीजै,
‘हाथ’ ही जब दर्द हो तो क्या कीजै.. https://t.co/k1fhnI6K4N— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 8, 2020
सी’मा को लेकर सै’निक और कू’टनीतिक स्तर पर चीन के साथ भारत की बातचीत जारी है. छह जून को सेना के स्तर पर वार्ता हुई है. हम किसी भी देश के मान, सम्मा’न एवं स्वा’भिमान को न चोट पहुँचाते हैं और न ही हम चो’ट बर्दाश्त करेंगे.”
आपको बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके घर भेजने का आदेश केंद्र सरकार को दिया है.
साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा है कि आपदा प्रबं’धन क़ानून, 2005 के तहत लॉकडाउन का कथित तौर पर उल्लं’घन करने के आ’रोप में प्रवासी मजदूरों के ख़िला’फ़ जितने भी केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का विचार किया जाए.
इस महत्वपूर्ण आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि श्रमिक ट्रेनों की मांग किए जाने की सूरत में रेलवे 24 घंटे के भीतर इसका इंतज़ाम करेगा.
साथ ही श्रमिकों के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, रेलवे उन्हें मुहैया कराने और उनके प्रचार की व्यवस्था करेगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में केंद्र और राज्य सरकारों को सुनियोजित तरीके से प्रवासी मजदूरों की पहचान करने के लिए भी कहा गया है.