प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीप दीपावली मनाने वाराणसी पहुंचे। ऐसे में सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की ढेरों तस्वीरें वायरल होने लगीं। पीएम मोदी वाराणसी में लाइट शो को एंजॉय करते देखे गए। इधर, सोशल मीडिया पर कई लोग कहते नजर आए कि देश में एक तरफ किसानों का प्रो’टेस्ट चल रहा है। पीएम मोदी किसानों की सुनने के बजाए वाराणसी में लाइट शो एंजॉय कर रहे हैं।
तो वहीं पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी इस बीच पीएम मोदी पर नि’शाना साधा। पीएम मोदी को लेकर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने दो ट्वीट किए। दोनों ट्वीट्स में उन्होंने इंडायरेक्टली पीएम पर तं’ज क’सा औऱ कहा- ‘वो राजा है या सेवक, दरवाजे पर किसान खुद चले दीपावली मनाने।’ अपने दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी के लिए उन्होंने लिखा- ‘मां गंगा ने बुलाया है, सरकार गंगाजल की तरह साफ है, राम तेरी गंगा मैली हो गई।’
पुण्य प्रसून बाजपेयी के इन पोस्ट पर ढेर सारे कमेंट्स आने लगे। कई लोगों ने उनके इन ट्वीट्स का समर्थन किया तो कुछ लोग प्रसून बाजपेयी पर गु’स्सा करते दिखे।इस बीच पुण्य प्रसून बाजपेयी बु’री तर’ह से ट्रोल होने लगे। एक यूजर ने लिखा- ‘इस दोगले पत्रकार को हिं’दुओं व हिं’दुओं तीज त्योहार से स’ख्त न’फरत है। इसी प्रकार की टिप्पणी किसी दूसरे ध’र्म के प्रतीकों पर करके देखें। फिर पता चलेगा पत्रकारिता क्या होती है…?’ तो किसी ने लिखा-‘वामपंथी है और क्रिप्टो ईसाई है यह बं’दा !! इसके लिए इनको विदेशों से पैसा आता है!’ एक ने लिखा- ‘मैं किसानों के साथ हूं, क्योंकि मैं अनाज खाता हूं गोबर नहीं।’ तो कोई बोला- ‘इन पापियों के पाप तो गंगा जल से भी नहीं धुल सकते हैं..’
वो राजा है या सेवक….
दरवाज़े पर किसान खुद चले दीपावली मनाने…— punya prasun bajpai (@ppbajpai) November 30, 2020
एक यूजर बाजपेयी को टोकते हुए बोला- ‘शिव का नाम लीजिए प्रसून जी आप भी कुछ। पूरा जीवन सिर्फ मोदी जी की बु’राई में निकाल दिया। आपके 10 साल पुराने वीडियो भी देखे वहां भी। लेकिन जिनके साथ शिव है वो आगे ही बढ़ता है।’ एक ने कहा- ‘पहले अफ़’वाह थी कि लालकिला बेच दिया, जब मोदी जी ने तिरंगा फहराया तो बोले किराए पर दे दिया और अब किसानों पर भ्र’म फैला रहे हैं। बाद में कह देंगे की हम तो मज़ाक कर रहे थे।’
तो वहीं यूजर ने पीएम मोदी के समर्थन में कहा- ‘जिसका जैसा मन है उसे गंगा वैसी ही दिखाई प’ड़ती है। 2019 के लोकसभा चुनावों में काशी के घाट पर प्रियंका जी को गंगा की पूजा करते व गंगा का अचमन लेते देश ने देखा है। तब भी क्या गंगा मैली थी ? कैसे कमजो’र विचारधारा की पत्रकारिता है।’
‘मॉं गंगा ने बुलाया है’
‘सरकार गंगा जल की तरह साफ़ है’
‘राम तेरी गंगा मैली हो गई’— punya prasun bajpai (@ppbajpai) November 30, 2020
वेद भारत नाम के अकाउंट से कमेंट किया गया- ‘सच में किसी ने इज्जत खोई हों पत्रकारिता में..उनमें से एक आप हो। पर लगता है चलो अच्छा हुआ, असलियत सामने आ गई। जैसे मुन्नवर राणा ये हिंदू कौम ही बेवकूफ है जो ऐसे लोगों का विश्वास कर लेती है गांधी, नेहरू फिर न’कली गांधी.. सबने जड़े खो’द दी हैं देश की। संस्कृति ही बदल दी.. सं’घर्ष जारी है।’
एक यूजर ने लिखा- ‘बाजपेई जी, आंखें खोलो.. इतने भी ना गि’रो यार! किसान नहीं ज़मींदार.. और उनके गु’र्गे (ख़ा’लिस्तनी आतं’कवा’दी) .. किसान तो आज भी खेतों में अपना ख़ून पसीना बहा रहे हैं!’ बता दें, राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर अपने ट्वीट में कहा- ‘वादा था किसानों की आय दुगनी करने का, मोदी सरकार ने आय तो कई गुना बढ़ा दी लेकिन अदानी-अंबानी की! जो काले कृषि क़ानू’नों को अब तक सही बता रहे हैं, वो क्या ख़ाक किसानों के पक्ष में हल निकालेंगे?’