योगी सरकार ने प्रियंका गांधी के 1000 बसों के प्रस्ताव को किया स्वीकार, प्रियंका गांधी ने जारी किया ये वीडियो

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने  प्रियंका गांधी का प्रवासी मज़दूरों के लिए 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. एडिशनल चीफ सेक्रेट्री अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को पत्र लिख कर 1000 बसों के नंबर और उनके ड्राइवरों की लिस्ट मांगी है.

उधर ये खबर आते ही कांग्रेस ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज भी कसा है. उत्तर प्रदेश कांग्रस के ट्वीटर हैंडल से कहा गया, ‘योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे. कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की. खैर हम तो बस लेकर खड़े थे.

यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया.  श्रमिक भाई – बहनों को राहत मिलनी जरूरी थी.’

वहीं एक दूसरे ट्वीट में लिखा गया, ‘पत्र 18 मई को लिखा. लेकिन ट्वीट में पहले लिख दिया कि बसों की सूची नहीं दी. ये कोई तो है मुख्यमंत्री कार्यालय में जो मुख्यमंत्री जी की फजीहत करा रहा है. या तो वो ये दिखाना चाहता है कि सीएम कार्यालय केवल ट्विटर पर एक्टिव है. जमीन से उसका कोई जुड़ाव नहीं है.’

आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वह प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस को राज्य की सीमा पर तैयार रखी गईं बसों के परिचालन की अनुमति प्रदान करें.

उन्होंने उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हा’दसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौ’त और 36 अन्य के घा’यल होने के एक दिन बाद टि्वटर पर वीडियो संदेश के माध्यम से यह आग्रह किया.

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया, ‘कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को उप्र बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो उप्र सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें अनुमति तक नहीं दी.’प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘विप’दा के मा’रे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उसे लेने से इंकार कर रही है.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे आग्रह करती हूं, यह समय राजनीति करने का नहीं है। हमारी बसें सीमा पर खड़ी हैं। हजारों मजदूर और प्रवासी भोजन-पानी के बिना तथा तमाम परेशानियों के बावजूद अपने घरों की ओर पैदल जा रहे हैं.’