नए कृषि कानू’नों को लेकर किसानों के व्यापक आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पिछली शताब्दी के कानू’नों को लेकर अगली सदी का निर्माण नहीं किया जा सकता क्योंकि पिछली सदी में उपयोगी रहे कानू’न अगली शताब्दी के लिए ‘बोझ’ बन जाते हैं, इसीलिए सुधार की प्रक्रिया लगातार चलनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने आगरा मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में किसी का जिक्र किए बगै’र कहा, ”नई सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए सुधार बहुत जरूरी हैं. हम पिछली शताब्दी के कानू’न लेकर अगली शताब्दी का निर्माण नहीं कर सकते। जो कानू’न पिछली शताब्दी में बहुत उपयोगी हुए, वे अगली शताब्दी के लिए बोझ बन जाते हैं और इसलिए सुधार की लगातार प्रक्रिया होनी चाहिए.”
उन्होंने कहा, ‘‘लोग अकसर सवाल पूछते हैं कि पहले की तुलना में अब हो रहे सुधार ज्यादा बेहतर तरीके से काम क्यों करते हैं। इसका कारण बहुत ही सीधा है। पहले सुधार टुकड़ों में होते थे। कुछ सेक्टरों और कुछ विभागों को ध्यान में रखकर होते थे, मगर अब एक संपूर्णता की सोच से सुधार किए जा रहे हैं.”
प्रधानमंत्री का यह बयान नए कृषि कानू’नों को लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा सकता है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर मजबूती से काम कर रही है तथा हर चुनाव के नतीजों में जनता का यह विश्वास झलक भी रहा है.