स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईसीएमआर) का हवाला देते हुए कहा कि को!रोना का प्लाज्मा थेरेपी के जरिए को!रोना का इलाज नहीं कहा जा सकता। अगर कोई इस थैरेपी के जरिए इलाज का दावा करता है तो यह गैर-कानूनी है। अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्लाज्मा थैरेपी के जरिए मरीजों को ठीक किया जा सकता है।
आईसीएमआर ने इस पर अध्ययन शुरू किया है। तब तक इसको लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं किया जाना चाहिए। गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाएगा तो इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए अभी केवल ट्रायल और रिसर्च ही इस पर किया जा सकता है।
अग्रवाल ने को!रोना से प्रभा!वित दुनिया के 20 देशों से भारत की तुलनात्मक रिपोर्ट भी पेश की। इसमें चीन, इटली, अमेरिका, ईरान, यूके जैसे देश शामिल हैं। बताया कि इन देशों की तुलना भारत में स्थिति काफी अच्छी है। दूसरे देशों में हमारे यहां से 84 गुना ज्यादा केस रिपोर्ट हुए। इन देशों में हमारी तुलना में मौ!त भी 200 गुना ज्या!दा हुईं।
तेजी से सही हो रहे सं`क्रमित, रिकवरी रेट 23.3 हुई
अग्रवाल ने बताया कि देश में को!रोना संक्र`मितों की रिकवरी रेट अब 23.3% हो गई है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए अच्छी बात है। अभी तक देश में संक्र`मण के कुल 29435 मा!मले आ चुके हैं, जिनमें 21632 एक्टिव केस हैं, जबकि शेष का इलाज चल रहा है। पिछले एक दिन में 684 लोगों को सही किया जा चुका है। सं`क्रमण फैलने की रफ्ता!र भी कम हुई है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं आया है।
अहमदाबाद और सूरत में आईएमसीटी की टीम का निरीक्षण
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि आईएमसीटी की टीम ने सूरत और अहमदाबाद में निरीक्षण किया। सूरत में पाया कि प्रशासन तकनीक की मदद से संक्र`मितों और सं`दिग्धों की पहचान कर रही है। सूरत नगर निगम का वॉर रूम और डॉक्टर्स की टीम पूरे शहर में निगरानी रख रही है।
लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है। अंदरूनी गलियों में लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। इसके लिए कई सुझाव दिए गए हैं। अहमदाबाद में भी इसी तरह कई हॉस्पिटल्स का निरीक्षण किया। आईएमसीटी ने संक्र`मण की रोकथा!म के लिए कई सुझाव जिला प्रशासन को दिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार की मदद से एक रिसर्च सेंटर स्थापित करने को भी कहा। जहां संक्रमण पर शोध हो सके।