इला’हाबाद उच्च न्या’यालय ने रा’सुका के त’हत बंद डाक्टर क’फी’ल की हिरा’सत र’द्द करते हुए उन्हें तत्का’ल प्रभाव से रि’हा करने का मंगलवार को आ’देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल की पीठ ने क’फी’ल की मां नु’जहत पर’वीन की या’चिका पर यह आ’देश पारित किया। या’चिका में आ’रोप लगाया गया था कि फरव’री की शुरुआत में एक स’क्षम अदा’लत द्वारा डाक्टर क’फी’ल’ को ज’मानत दे दी गई थी और उन्हें ज’मान’त पर रि’हा किया जाना था। लेकिन उन्हें चार दिनों तक रि’हा नहीं किया गया और बाद में उन’पर रा’सु’का लगा दिया गया।
क’फी’ल खा’न पर लगे रा’सु’का हटाए जाने के बाद वि’पक्षी पार्टियां सू’बे की यो’गी सर’कार पर निशा’ना सा’ध रही है। इसी क’ड़ी में बिहार के पूर्व सां’सद प’प्पू या’दव ने ट्वीट करते हुए लिखा है, डॉ क’फी’ल खा’न की रि’हाई का आ’देश ढों’गी C’M के मुंह पर का’नू’न का त’मा’चा है। इलाहाबाद हा’ई को’र्ट ने डॉ क’फी’ल जी पर N’S’A लगाने को गै’रका’नू’नी, वि’द्वेष’पूर्ण बताया। यूपी का CM स’भ्य स’माज के लिए क’लं’क है।
वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस आदेश को ‘द’म’न’कारी’ स’त्ता के मुं’ह पर क’रा’रा तमा’चा क’रार दिया है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, न्याय की दृष्टि में डॉ क’फी’ल खा’न पर ए’नए’सए बढ़ाते जा’ना गै’र का’नूनी था। लेकिन न्याय को हर रोज कु’चल’ने वाली यू’पी सर’कार को इससे फ’र्क कहां पड़ता है। आज न्याय की जीत हुई। क’फी’ल खा’न पर से को’र्ट ने ए’नए’सए ह’टाया।
भी’म आ’र्मी प्र’मुख चंद्र’शे’खर आजा’द ने ट्वीट करते हुए लिखा है, डॉ क’फी’ल खा’न को ज’मानत मिल गई है। अन्या’य और ता’नाशा’ही के दौर में एक सुखद खबर. डॉ क’फी’ल खा’न के सं’घर्ष की जीत हुई। ज’य भी’म।
सु’नवाई के दौरान अदा’लत ने कहा
गौरतलब है कि सु’नवाई के दौरान अदा’लत ने कहा, ‘‘हमने इस हिरा’सत की वै’धता भी प’रखी है जिसमें भा’रत के संवि’धान के अनु’च्छेद 22 के उपबंध (5) के तहत डॉ’क्टर क’फी’ल को हिरा’सत के आ’धार और तथ्य’ उपलब्ध कराए गए जिससे वह जल्द से जल्द स’क्षम अधिकारियों को इसकी प्रस्तुति दे सकें। जो सा’मग्री उन्हें उपलब्ध कराई गई वह उनके उस ‘भाषण को सी’डी में डालकर दिया गया था जो उन्होंने 12 दिसंबर, 2019 को अली’गढ़ मु’स्लि’म विश्व’विद्या’लय में दिया था।’’
पूछे जाने पर अदा’लत को बताया गया कि डॉक्टर खान को ‘भाषण की न’कल नहीं उपलब्ध कराई गई। यदि डॉक्टर खान को सी’डी चलाने का उप’कर’ण उपलब्ध कराया गया होता तो ‘भाष’ण की न’कल उपलब्ध नहीं कराए जाने का को’ई अस’र नहीं होता।
अदा’लत ने आगे कहा कि इस मा’मले का और एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हिरा’सत बढ़ाने का आदेश डॉक्ट’र खा’न को कभी नहीं उपलब्ध कराया गया। हमें दिखा’ये गए रिकार्ड से पता चलता है कि हिरा’सत की अवधि बढ़ाने के राज्य सरकार के आ’देश से संबंधित के’वल रेडियोग्राम डॉ’क्टर खा’न को उपल’ब्ध कराया गया।’