महाराष्ट्र में होने जा रहे महत्वपूर्ण चुनाव के लिए भाजपा की लिस्ट में नहीं इस दिग्गज का नाम

महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता पंकजा मुंडे और एकनाथ खडसे का नाम नहीं है.

2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में आने वाले  रणजीत सिंह मोहिते का नाम उन चार लोगों में शामिल है जिन्हें बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया है.

गौरतलब है कि पंकजा मुंडे पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में अपने भाई धनंजय मुंडे, जो कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े थे, से चुनाव हार गई थी. जिसके बाद से पंकजा ने अपनी ही पार्टी के भीतर और विशेषकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से किनारा किया हुआ है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने पिछले साल दिसंबर में एक रैली में खुलकर अपनी पार्टी की आलोचना की और खुद को पार्टी की कोर कमेटी से बाहर किया. हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ी नहीं है.

महाराष्ट्र के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया उनको पार्टी से निकाला जाना है या नहीं, क्योंकि पंकजा न मंत्री रही हैं, न विधायक और न ही कॉरपोरेटर. पंकजा मुंडे के करीबियों की मानें तो वे विधानसभा चुनाव में हुई हार से उबर नहीं पाई है. जिसके लिए वे अपनी पार्टी को ही जिम्मेदार मानती हैं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधान परिषद का चुनाव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए बेहद अहम माना जा रहा ह क्योंकि उन्हें जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधानसभा का सदस्य बनना है. जिससे वे अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचा सकें. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उन्हें 28 मई तक महाराष्ट्र विधान सभा का सदस्य बनना है.

इससे पहले महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए अप्रैल माह में चुनाव होने थे लेकिन कोरोनावायरस के चलते यह संभव नहीं हो सका. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था. जिसके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल ने चुनाव आयोग को सिफारिश की कि वे को’रोनावा’यरस के मद्देनजर विधान परिषद के चुनाव बाद में आयोजित करें.

बता दें कि 288 विधायकों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के ऊपरी सदन की 9 सीटों के लिए चुनाव होगा. बीजेपी के पास 105 विधायक हैं , उनका दावा है कि 11 दूसरे सदस्यों की मदद से वे अपने 4 उम्मीदवारों को विधान परिषद भेज सकते हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन 5 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ता है तो चुनाव होंगे.