पाक के अरशद नदीम को ट्रोल कर रहे लोगों को नीरज चोपड़ा ने लगाई जोरदार फटकार, कहा: ‘मेरी बात को अपने गंदे एजेंडे का…’

ओलंपिक में 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा बीते कुछ दिनों से भाले की वजह से चर्चा में हैं.

नीरज चोपड़ा के एक अख़बार को दिए इंटरव्यू का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा था.

इस इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा कहते हैं, ”मैं फ़ाइनल की शुरुआत से पहले अपना भाला खोज रहा था. लेकिन मिल नहीं रहा था. तभी मैंने देखा कि पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम मेरे भाले के साथ घूम रहे हैं. मैंने अरशद से कहा कि भाई यह मेरा भाला है. मुझे दे दो ताकि मैं थ्रो कर सकूँ.”

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों और कुछ मीडिया संस्थानों ने इस बयान का इस्तेमाल अरशद को ‘दोषी’ बताने के लिए करना शुरू किया.

सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें नीरज चोपड़ा भाला फेंकने से पहले अरशद नदीम के पास आते हैं और उनसे भाला लेते हैं.

इस वीडियो के साथ ये टिप्पणी की गई है , “यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि अरशद नदीम नीरज चोपड़ा का भाला लेकर घूम रहे थे. ये उनके दुर्भावनापूर्ण इरादों को दर्शाता है. क्योंकि हर एथलीट को अपना थ्रो पूरा करने के लिए केवल एक ही मिनट मिलता है.”

इस पर गुरुवार को नीरज चोपड़ा ने ख़ुद प्रतिक्रिया दी और इस पूरे मामले पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की.

नीरज ने क्या कुछ कहा?

नीरज चोपड़ा ने ट्विटर पर लिखा, ”मेरी आप सभी से विनती है कि मेरे बयान को अपने गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने का ज़रिया ना बनाएँ. स्पोर्ट्स हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कमेंट करने से पहले खेल के रूल्स जानना ज़रूरी होता है.”

नीरज चोपड़ा ने इस ट्वीट को लिखने के साथ एक वीडियो भी शेयर करते हैं. वीडियो में नीरज पूरा मामला समझाते दिखते हैं.

आगे पढ़िए नीरज ने इस वीडियो में कहा क्या है

”मैंने एक इंटरव्यू में कहा था कि भाला फेंकने से पहले मैंने अरशद नदीम से भाला लिया. इस बात का काफ़ी बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. ये बहुत सिंपल सी बात है कि जो हमारा निजी भाला होता है, उसे हम खेल के वक़्त रखते हैं और उसको सभी भाला फेंकने वाले इस्तेमाल कर सकते हैं. ये नियम है.”

“इसमें ऐसा कुछ ग़लत नहीं है. वो भाला लेकर अपनी तैयारी कर रहा था. मैंने अपनी थ्रो के लिए उसका मांगा. ये इतनी बड़ी बात नहीं है.”

“मुझे इस बात का दुख है कि मेरा सहारा लेकर इस बात का इतना बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. मैं आप सभी से यही विनती करता हूँ कि ऐसा ना करें. स्पोर्ट्स सभी को मिलकर चलना सिखाता है.”

“हम सभी भाला फेंकने वाले आपस में प्यार से रहते हैं. सभी आपस में अच्छे से बात करते हैं. कोई भी ऐसी बात ना कहें, जिससे हमको ठेस पहुँचे.”

अरशद ने इस विवाद पर क्या कहा?

उधर बीबीसी उर्दू से बात करते हुए अरशद नदीम ने इन सभी आरोपों को ‘हास्यास्पद’ बताया.

अरशद नदीम कहते हैं, “ऐसा कुछ नहीं हुआ. मैंने नीरज चोपड़ा का निजी भाला अपने पास नहीं रखा था. ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में, कोई भी एथलीट अपने सामान का उपयोग नहीं करता है. सारे सामान का इंतज़ाम प्रतियोगिता के आयोजक करते हैं.”

“टोक्यो के फ़ाइनल राउंड में भी आयोजकों ने कई भाले एक साथ रखे हुए थे. कोई भी एथलीट उनमें से एक भाला उठा सकता था और उनका इस्तेमाल कर सकता था.”

“मुझे नहीं पता कि मेरे हाथ में जो भाला था, उसका इस्तेमाल नीरज चोपड़ा ने अपने पिछले थ्रो में किया था या नहीं. भले ही वह उसका पसंदीदा भाला था, लेकिन मैंने उसे जानबूझकर अपने पास नहीं रखा. और मैं ऐसा क्यों करूँगा? अगर हुआ भी तो यह एक संयोग था. लेकिन मैं फिर से स्पष्ट कर दूं कि वो भाला नीरज चोपड़ा या किसी अन्य एथलीड का निजी भाला नहीं था.”

निगेटिव ख़बरों को नज़रअंदाज़ करें

अरशद नदीम आगे कहते हैं, “यह कहना भी हास्यास्पद है कि मैंने नीरज चोपड़ा से मुझे वह भाला देने के लिए कहा जिससे उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. उस समय हर एथलीट की अपनी चिंता थी, तो यह कैसे मुमकिन है?”

पाकिस्तान के एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद अकरम साही ने बीबीसी उर्दू से बात करते हुए कहा कि दोनों एथलीटों को नकारात्मक ख़बरों को नज़रअंदाज़ कर अपने खेल पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

उन्होंने कहा, “नीरज और अरशद दोनों ने टोक्यो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया है, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन बच्चों को प्रोत्साहित करने के बजाय, उन्हें इस तरह के विवादों में फँसाया जा रहा है. दोनों असाधारण क्षमताओं वाले एथलीट हैं, और हमें उनके और भविष्य के बारे में सकारात्मक सोचना चाहिए.”

नदीम और नीरज की दोस्ती

नदीम ने ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में टॉप 5 में जगह बनाई थी. नदीम और नीरज, दोनों ही खिलाड़ी अलग-अलग मौक़ों पर एक दूसरे की प्रशंसा करते रहते हैं.

टोक्यो से लौटने के बाद न्यूज़ चैनल टीवी-18 को दिए इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा ने कहा था कि अच्छा होता अगर पोडियम पर उनके साथ पाकिस्तान के अरशद नदीम भी होते.

दरअसल अरशद नदीम फ़ाइनल में पहुँचने के बावजूद पाँचवें नंबर पर रहे और पदक से चूक गए. इसके बावजूद उनकी काफ़ी सराहना हुई और उनके संघर्ष की कहानी को भी ख़ूब सुर्ख़ियाँ मिलीं.

नीरज चोपड़ा और अशरफ़ नदीम के बीच गर्मजोशी कई वर्षों से चर्चा में रही है. जैसे ही नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो के फ़ाइनल में पहुँचे, दोनों खिलाड़ी चर्चा का विषय बन गए थे.

नीरज चोपड़ा के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए, अरशद ने बीबीसी उर्दू को बताया , “ओलंपिक के बाद से मेरा नीरज चोपड़ा से कोई संपर्क नहीं है क्योंकि हम दोनों अपने-अपने काम में व्यस्त हैं. लेकिन फ़ाइनल के अगले दिन, नीरज चोपड़ा ने मुझसे मुलाकात की थी. नीरजा ने बताया था कि अगर मैं भी पदक जीत जाता तो बहुत अच्छा होता. हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं और हमेशा एक-दूसरे के प्रति प्यार और ईमानदारी की भावना रखते हैं.”

सोशल मीडिया पर नीरज की तारीफ़

जबसे नीरज ने सोशल मीडिया एक वीडियो के ज़रिए अपना पक्ष रखा है तब से कई लोग उनके इस कदम की तारीफ़ कर रहे हैं.

फ़िल्म अभिनेत्री और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली स्वरा भास्कर ने लिखा है – नीरज चोपड़ा के लिए बहुत सारा सम्मान.

उत्तर प्रदेश काडर ने रिटायर अधिकारी एपी सिंह ने भी नीरज के स्टैंड की तारीफ़ की है. एपी सिंह ने ट्वीट किया – भक्तों को शर्म आनी चाहिए, मुझे नीरज चोपड़ा के लिए खेद है कि उन्हें आकर सफ़ाई देनी पड़ रही है.