BJP से गठबंधन को लेकर ओमप्रकाश राजभर बड़ा बयान, बोले- अगर योगी के नेतृत्व में भाजपा…

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चु’नाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन की अट’कलों के बीच दावा किया कि ””भाजपा भले ही उनकी सभी श’र्त मान ले, लेकिन यदि पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव ल’ड़ा तो वह उससे गठबंधन नहीं करेंगे.””

राजभर ने कहा, ”27 अक्टूबर को हम अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे और उसी दिन 2022 के विधानसभा चु’नाव के लिए अपने फैसले की घोषणा करेंगे. राजभर ने दावा किया कि इसी दिन (27 अक्टूबर को) भाजपा की विदाई की तारीख भी तय हो जाएगी.

राज्य की भाजपा सरकार में 2017 से 2019 तक पिछ’ड़ा वर्ग व दिव्यांग जन कल्‍याण मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को यहां ”पीटीआई-भाषा” से विशेष बातचीत में साफ कहा कि ”अव्‍वल तो भारतीय जनता पार्टी से उनका (सुभासपा) गठबंधन नहीं होने वाला है, लेकिन अगर कहीं कोई संभावना बनी तो भाजपा को हमारी शर्तें माननी प’ड़ेगी.

इन शर्तों में देश में जातिवार गणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, पिछ’ड़ी जाति का मुख्यमंत्री घोषित करना, एक समान और अनिवार्य नि:शुल्क शिक्षा आदि शामिल है.”

राजभर ने कहा, ” इनकी डबल इंजन की सरकार है और अगर 72 घंटे में गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण लागू कर सकते हैं तो हमारी मांगों को भी अभी पूरा किया जा सकता है. सभी मांगे पूरी होने के बाद ही किसी तरह की बातचीत होगी.” राजभर ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिस तरह सभाओं में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की झू’ठी तारीफ कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि अगला विधानसभा चु’नाव योगी के ही नेतृत्व में ल’ड़ा जाएगा और ऐसी स्थिति में हम भाजपा से कतई गठबं’धन नहीं करेंगे.’

वर्ष 2002 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की स्थापना करने वाले राजभर ने 2017 के विधानसभा चु’नाव में भाजपा से गठबंधन किया था और समझौते में मिली आठ सी’टों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिसमें उनके समेत पार्टी के कुल चार उम्मीदवार विजयी हुए. इस चुनाव में राजभर की पार्टी को कुल मतदान का 0.70 प्रतिशत और ल’ड़ी सीटों का 34.14 प्रतिशत वो’ट मिला.

राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया लेकिन उनके वि’द्रोही तेवर को देखते हुए मई 2019 में योगी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया. तब से वह भाजपा के खिला’फ लगातार आग उ’गल रहे हैं. राजभर ने भाजपा को हराने का मंसूबा लेकर छोटे-छोटे दलों को लेकर ”भागीदारी सं’कल्प मोर्चा” का गठन किया जिसमें असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी शामिल हुई, लेकिन पिछले मंगलवार को ओमप्रकाश राजभर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मुलाकात से राजनीतिक हलकों में गठबंधन की नयी अट’कलों को ब’ल मिला.

राजभर ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर नि’शाना साधते हुए कहा, ”राज्य में योगी सरकार पूर्ण रूप से फेल है. जब मैं मंत्री था तो सोनभद्र गया था, दौरे के बाद आया तो वहां की व्यथा मुख्यमंत्री को बतायी तो कहने लगे कि आप केवल सरकार की आलोचना करते हैं.

हमने उन्हें थाने में गरीबों की सुनवाई नहीं होने की बात कही, तो वह भी नहीं मानी. आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्‍वतंत्र देव की समीक्षा बैठकों में विधायक और सांसद सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि पुलिस हमारी नहीं सुन रही है. प्रदेश में भाजपा के दर्जनों विधायक और सांसद पुलिस के खि’लाफ ध’रना दे रहे हैं.”

राजभर ने योगी सरकार में भ्र’ष्टाचार का आरो’प लगाते हुए कहा, ”भ्र’ष्टाचार तो ऊपर से है. सबसे बड़ा भ्रष्‍’टाचार तो पंचम तल (मुख्यमंत्री कार्यालय) पर है. योगी की सरकार में 100 प्रतिशत पैसे लेकर पोस्टिंग (तै’नाती) हो रही है. ”

उन्होंने कहा ”योगी न अपने किसी मंत्री, न किसी विधायक की बात सुनते हैं, वे सिर्फ अपने अधिकारियों की बात मानते हैं.”