तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने रेलवे मंत्री पीयूष गोयल पर पलटवा’र किया है. उन्होंने कहा है कि ट्विटर पर मामला उठाने से बेहतर होता कि आप अपनी कमियों पर भी बात करते. बतौर रेल मंत्री लॉकडाउन शुरू होने के बाद आपकी तरफ से एक्शन लेने में कमी हुई, काश कि आपने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए कोई बढ़िया निर्णय लिया होता.
इससे पहले केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशा’ना साधते हुए कहा था कि अभी तक पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने पिछले हफ्ते की घोषणा के मुताबिक 8 ट्रेनों को भी चलाने की इजाजत नहीं दी है.
पीयूष गोयल ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल सरकार से अपील करता हूं कि कोरोना महामारी के इस संक’ट से उबारने में हमारे मजदूर भाइयों के हितों के बारे में कुछ सोचे, और उन्हें घर पहुंचाने के लिये जल्द से जल्द श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे.
पीयूष गोयल ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल को अभी 105 ट्रेनें रोजाना चलाने की जरूरत है, वहीं अनकन्फर्म्ड समाचार है कि अगले 30 दिनों के लिये उन्होंने सिर्फ 105 ट्रेनों की अनुमति लिस्ट तैयार की है. यह पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ क्रू’र मजा’क है.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि कल मेरे वक्तव्य के बाद पश्चिम बंगाल सरकार अपनी गहरी नींद से जगी. वहां की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिये अब तक सिर्फ 7 ट्रेनों की अनुमति दी है. बड़ी संख्या में कामगार अपने घरों से दूर हैं, इसलिए मैंने उनसे अधिक ट्रेन चलाने की परमिशन देने की अपील की थी.
Instead of raising issues on Twitter, it would be wise on your part to reflect on the lack of action and farsightedness as a Railway Minister when lockdown first began. https://t.co/kdtG4jhuqO
— Nusrat J Ruhii (@nusratchirps) May 15, 2020
TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी पीयूष गोयल की टिप्पणी पर ऐतराज जताया है. डेरेक ओ ब्रयान ने कहा कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती हैं. ट्रॉली बैग पर बच्चे की तस्वीर. प्रवासी मजदूरों की दिल झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. यह सब तब हो रहा है जब 23 मिलियन लोगों को ढोने वाली रेलवे के मंत्री आप बने हैं. मजदूरों को कुछ ही दिनों में घर भेजा जा सकता था, लेकिन नहीं भेजा गया.
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव पर हमला बोलते हुए TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि भारत सरकार के अधिकारी कब से राजनीतिक भाषण का हिस्सा बनने लगे हैं?
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री के आरोप पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, ‘विदेश मंत्रालय राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है. भारत सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन विदेश में फंसे भारतीयों के लिए है, उसमें बंगाल के लोग भी शामिल हैं. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से 3700 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है जो वापस आने के लिए तैयार हैं.’
अनुराग श्रीवास्तव ने लिखा कि हम फ्लाइट की व्यवस्था करवाने के लिए तैयार हैं, अगर आपकी सरकार क्वारंटीन और उन्हें रिसीव करने का भरोसा दे. इसके अलावा पड़ोसी मुल्कों में बॉर्डर पर जो बंगाल के नागरिक फंसे हैं, उन्हें भी वापस लाने में मदद करेंगे. हमें उम्मीद है कि आप इसका जल्द जवाब देंगे.
Since when did officials of the Government of India start directly making themselves part of the political discourse ? https://t.co/3uvd6fkGSp
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) May 15, 2020
पश्चिम बंगाल सरकार का आ’रोप
पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ने आ’रोप लगाया है कि विदेश मंत्रालय बंगाल के लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है. पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ बनर्जी ने लिखा, ‘क्या विदेश मंत्रालय हमें ये कह रहा है कि जॉर्जिया से लोगों को गुजरात लाया जा सकता है, लेकिन कोलकाता नहीं. वहीं, लोग किर्गिस्तान से बिहार आ सकते हैं, लेकिन बंगाल नहीं. विदेश मंत्रालय को ये भेदभा’व रोकना चाहिए.’