कोरो’ना काल में जब पूरा देश इस महा’मारी से जंग लड़ रहा है, तो ऐसे में कुछ प्राइ’वेट लैब ने उसे कमाई का धं’धा बना लिया है। ये प्राइ’वेट लैब मरीजों के ICMR के तमाम गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए गल’त तरीके से सैंपल इकट्ठा कर उनकी जा’न ख’तरे में डाल रही है। जो लोग को’रोना नेगे’टिव हैं उन्हें ये लैब्स पॉजि’टिव बता रही हैं। चंद रुपयों की खातिर लोगों की जा’न के साथ खिल’वाड़ किया जा रहा है।
तफ्तीश के दौरान पता चला है कि दिल्ली से सटे नोएडा में ऐसे 20 से ज्यादा लोग हैं जिन्हें हल्के बुखार, खांसी और ज़ुखाम की शि’कायत थी। ये सभी इलाज के लिए अपने-अपने घरों के नजदीक प्राइवेट डॉक्टर्स के पास गए जहां इन्हें कोरोना का श’क बताकर टेस्ट की सलाह दी गई। इन लोगों ने प्राइ’वेट लैब में कोरोना टेस्ट करवाया। कुछ लोगों के घर जाकर ही सैंपल इकट्ठा किए गए।
पता चला कि सभी की रिपोर्ट पॉजि’टिव है। इसके बाद इन लोगों को सरकारी द्वारा तैयार किए गए ग्रेटर नोएडा शारदा अस्पताल के कोविड आइ’सोलेशन वार्ड में भेज दिया गया, जहां इनकी दोबारा से जांच की गई। हैरानी की बात ये है कि करीब 20 से ज्यादा लोगों की रि’पोर्ट कोरोना नेगे’टिव आई, जिससे नोएडा प्रशासन में हड़’कंप मच गया।
तफ्तीश में पता चला कि कुछ प्राइ’वेट लैब के कर्मचारी लोगों के घर जाकर ग’लत तरीके से सैंपल इकट्ठा कर रहे थे। उन्होंने सैंपल का टेम्परेचर मेंटेन नहीं किया, जिससे गल’त रिपोर्ट आई। यानी जो लोग कोरो’ना नेगे’टिव थे उन्हें पॉ’जिटिव बता दिया गया। चंद पैसों के ला’लच में लोगों की जिंदगी से खिल’वाड़ करने वाली इन लैब्स के नाम हैं-
1- लाइफलाइन लैब
2- मॉडर्न लैब
3- स्टार इमेजिंग लैब
4- oncquest Lab
5- Accuris Lab
ऐसी 6 लैब्स की जानकारी नोएडा प्रशासन को मिल चुकी है, जिनके खिला’फ जल्द कार्रवाई की जाएगी। इनमें से एक लैब के खिलाफ तो मुकदमा भी दर्ज कि’या जा चुका है।
दरअसल, ये सभी पैथ लैब दिल्ली और गुरुग्राम के अलग-अलग इलाकों में स्थित हैं। इनके कर्मचारी मोटरसाइकिल पर लोगों के घर जाकर सैंपल इकट्ठा करते हैं। एक टेस्ट की कीमत 4,000 रुपये से 5,000 हजार रुपये तक वसूली जाती है। इतनी मोटी रकम लेने के बावजूद लोगों की जान से खिल’वाड़ किया जा रहा था।
दरअसल, जांच में ये भी पाया कि इन प्राइ’वेट लैब्स ने ICMR की गाइडलाइंस का उलंघन भी किया है। इनमें से कुछ लैब’ ऐसी हैं जिनके पास कोविड-19 टेस्ट की परमी’शन न’हीं थी। बावजूद कमाई के लिए लोगों के सैं’पल इक’ट्ठा कर उन्हें गल’त रिपोर्ट देकर उनकी जान जोखिम में डाल जा रही थी।