केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की। साथ ही पंडित जवाहर लाल नेहरू को आदर्श नेता भी बताया। अटल बिहारी वाजपेयी व पूर्व प्रधानमंत्री की तारीफ में उन्होंने कहा, “ये हिंदुस्तान के लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे। दोनों का कहना था कि मैं लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करुंगा।” उनके इस बयान को लेकर अब मशहूर पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी ट्वीट किया।
आजादी कोई देता नही…
आजादी ली जाती है… pic.twitter.com/VteiXUXG8E— punya prasun bajpai (@ppbajpai) August 20, 2021
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट में लिखा, “आजादी कोई देता नहीं है, आजादी ली जाती है।” उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने भी खूब कमेंट किये। शंकर नाम के यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी के ट्वीट के जवाब में लिखा, “दिमाग से बोलने के लिए हिम्मत चाहिए होती है।
गडकरी जी हमेशा बिना डर के बोलते हुए नजर आते हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि सत्ता में मौजूद लोग बिना किसी डर के समझदारी की बातें करते हैं।” सुयश नाम के यूजर ने लिखा, “मोदी मंत्रीमंडल के सभी मंत्रियों में से ये मेरे पसंदीदा हैं, न केवल अपनी विचारधारा के लिए बल्कि अपने काम और नजरिए के लिए भी।”
तालिबान के नाम पर सियासत शुरु…
यूपी चुनाव पर असर तो पड़ेगा…
फिर कमंडल नये रूप में…https://t.co/kzksAh0Xo2 via @YouTube— punya prasun bajpai (@ppbajpai) August 20, 2021
वहीं एक यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी पर तंज क’सते हुए लिखा, “यह बात तो तालिबान भी कह रहा है, मतलब आप उसे जस्टिफाई कर रहे हैं कि उनका आजादी के लिए किया गया क’त्लेआम सही है।”
बता दें कि अपने एक ट्वीट में पुण्य प्रसून बाजपेयी ने तालिबान पर भी ट्वीट किया था, जिसे लेकर वह सुर्खियों में आ गए थे। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “ता’लिबान के नाम पर सियासत शुरू। यूपी चुनाव पर असर तो प’ड़ेगा ही, फिर नए कमंडल के रूप में।”
इसके अलावा उन्होंने साथ में एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें उन्होंने भारतीय राजनीति का भी जिक्र किया।पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भारतीय राजनीति के बारे में बात करते हुए कहा था, “हम कर्ज में डूबे चले जा रहे हैं, लेकिन ये बात कोई मायने नहीं रखती है। इस देश की राजनीति को हांकने के लिए आपको जातियों को समझना होगा, देश के धर्म को जानना होगा और उसकी परिस्थितियों को समझना होगा।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने इस बारे में चर्चा करते हुए आगे कहा, “जब समूची दुनिया की नजर अफ’गानि’स्तान पर है, तब भारत के भीतर सियासत अपना रंग बदल रही है। ता’लिबा’न को लेकर जो शोर और हं’गामा है, वह भारत की राजनीति को प्रभावित करने चल निकली है।”