लॉकडाउन (Lockdown) के बीच धार्मिक स्थल खोलने को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। हालांकि 8 जून (आज) सभी धार्मिक स्थल (Religious Place) खोलने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन सभी तरह की गाइड लाइंस का पालन करते हुए। प्रदेश सरकार और गृहमंत्रालय (Home Ministry) की ओर से भी मस्जिदों में नमाज़ (Namaz) अदा करने के लिए गाइड लाइन बनाई गई। जिसे दो दिन से सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है।
कुछ सरकारी और कुछ मस्जिद (Masjid) इंतज़ामिया कमेटी के नियमों को जोड़ने के बाद यह गाइड लाइन तैयार की गई है। कई मजहबी संगठनों ने भी इसमे अपने सुझाव दिए हैं। बावजूद इसके कहीं मस्जिद खोलने की तैयारी है तो कुछ लोग अभी और इंतज़ार करने को ही बेहतर मान रहे हैं।
मस्जिद में नमाज़ अदा करने के लिए मानने होंगे यह नियम
मस्जिद के टॉयलेट और वजूखाना का इस्तेमाल करने से बचें।
जहां तक मुमकिन हो नमाज़ के लिए सीधे घर से ही जाएं।
मस्जिद में सिर्फ फर्ज नमाज़ ही अदा करें।
सुन्नत और नफिल नमाज़ें घर में अदा करें।
ऐसे लोग मस्जिद में आने से बचें जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा या 10 साल से कम है।
अगर किसी को बुखार, खांसी या किसी किस्म की कमजोरी है तो वह मस्जिद में न जाएं।
जूतों को स्टैंड पर रखने, दूसरे के जूतों को हाथ न लगाने एवं जूतों के लिए घर से बैग लेकर आएं।
मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
जहां तक मुमकिन हो मस्जिद के खुले हिस्से में ही नमाज़ पढ़ें।
मस्जिद में एक-दूसरे से गले मिलने और हाथ मिलाने से बचें।
मस्जिद के गेट से निकलते और दाखिल होते वक्त दो लोगों के बीच 6 फीट की दूरी रखें।
नमाज़ पढ़ने के लिए जानमाज़ घर से लेकर जाएं या मस्जिद की दरी को सैनिटाइज़ करते रहें।
नमाज़ पढ़ने के दौरान मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
मस्जिद में नमाज़ के अलावा कोई दूसरी इबादत न करें।
नमाज़ हो जाने के तुरंत बाद मस्जिद का गेट बंद कर दिया जाए।
कुछ सरकारी और कुछ मस्जिद (Masjid) इंतज़ामिया कमेटी के नियमों को जोड़ने के बाद यह गाइड लाइन तैयार की गई है। कई मजहबी संगठनों ने भी इसमे अपने सुझाव दिए हैं।