ई दिल्ली। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनेस 24713 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। इस मेगा डील से कंपनी की रिटेल कारोबार में स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी। कंपनी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (आरआरवीएल) ने आज फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार के एकमुश्त 24,713 करोड़ रुपये के दाम में अधिग्रहण की घोषणा की।”
भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियों को टक्कर देने के लिए रिलायंस रिटेल अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
डील के तहत फ्यूचर ग्रुप कुछ कंपनियों को फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में मर्ज कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत रिटेल और होलसेल उपक्रम को रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड में स्थानांतरित किया जा रहा है।यह आरआरवीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है; लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग अंडरटेकिंग को आरआरवीएल को हस्तांतरित किया जा रहा है।
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा, फ्यूचर ग्रुप के प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ-साथ उसके व्यावसायिक ईको सिस्टम को संरक्षित करने में हमें प्रसन्नता होगी। भारत में आधुनिक रिटेल के विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हमें आशा है कि छोटे व्यापारियों, किराना स्टोर्स और बड़े उपभोक्ता ब्रांडों की सहभागिता के दम पर रिटेल सेक्टर में विकास की गति बनी रहेगी, हम देश भर में अपने उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने रिटेल बिजनेस में तीन करोड़ किराना मालिकों और 12 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा था। फ्यूचर समूह के खुदरा व्यापार, थोक और सप्लाई चेन व्यवसाय के अधिग्रहण से रिलायंस अपनी स्थिती मजबूत कर रहा है।
2001 में पहला बिग बाजार स्टोर
2001 में भारत में पहला बिग बाजार स्टोर खोला गया था। 2008 की आर्थिक मंदी के बाद कंपनी के कारोबार पर काफी बुरा असर हुआ। धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढ़ता गया।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2019 को फ्यूचर ग्रुप पर कुल कर्ज 10951 करोड़ था। 30 सितंबर 2019 को यह बढ़कर 12778 करोड़ पर पहुंच गया।