MSP(न्यूूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर अब राजनाथ सिंह का आया बड़ा बयान

रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने अलग-अलग वक्तव्य में कहा कि नए कृषि कानू’नों के संदर्भ में मंडी और एमएसपी प्रणाली को लेकर विपक्ष गु’मराह कर रहा है।

राजनाथ सिंह ने आश्वस्त करते हुए कहा, ‘सरकार का इरादा एमएसपी ख’त्म करने का कभी नहीं था और न भविष्य में है। मंडियां भी संचालित रहेंगी। कोई माई का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छी’न सकता।’ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने ट्वीट में कहा, ‘खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में सरकारी एजंसियों के माध्यम से एमएसपी पर धान खरीद करने वाले प्रमुख राज्यों में 45.5 फीसद खरीद अकेले पंजाब में हुई है। बावजूद इसके, कुछ ताकतें किसानों को भ्र’मित कर अपना एजेेंडा चला रही हैं।’

तोमर ने कहा, किसान संगठनों ने पत्र लिखा है। यह अच्छी बात है। हम वार्ता के लिए पहले से ही तैयार हैं। बातचीत से ही हम कोई न कोई रास्ता निकाल पाएंगे। सरकार की ओर से बातचीत की पेशकश पर 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्र लिखकर तारीख और जगह बताई है। 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे से विज्ञान भवन में वार्ता होनी है।

किसान संगठनों ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को लिखे पत्र में चार प्रमुख मांगें रखी हैं- 1- तीनों वि’वादित कृषि कानू’न निरस्त किए जाएं। 2- राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए गए तरीके से किसानों को एमएसपी को कानू’नी गारंटी बनाने की प्रक्रिया और प्रावधान बताएं। 3- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में उल्लिखित दंड प्रावधानों से किसानों को बचाने के लिए उचित संशोधन का तरीका बताएं।

(पराली जलाने पर किसानों को दिए जाने वाले दं’ड पर रो’क लगाने से संबंधित) 4- विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 में उचित ब’दलाव कर किसानों के हितों की रक्षा करने का तरीका बताएं। इसमें किसानों की मांग संख्या तीन और चार को मान लेने का सरकार ने एलान किया है।

हालांकि, कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्यों में कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि किसानों को गु’मराह करने की कोशिश की जा रही है।

राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नए कृषि कानू’नों पर किसानों को गु’मराह करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नए कृषि कानू’न किसानों की आय बढ़ाएंगे, लेकिन कांग्रेस उन्हें (किसानों को) गु’मराह कर रही है। उन्होंने कहा कि जब कभी सु’धार लागू किए जाते हैं, तब इसके सकारात्मक परिणाम दिखने में कुछ साल लगते हैं।

चाहे तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए 1991 के आर्थिक सुधार हों या फिर वापजेयी सरकार के दौरान लाए गए अन्य सुधार हों, उनके सकारात्मक परिणाम दिखने में चार-पांच साल लग गए। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इसी तरह, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों के सकारात्मक परिणामों को देखने के लिए यदि हम चार-पांच साल इंतजार नहीं कर सकते हैं, तो हम कम से कम दो साल तो इंतजार कर ही सकते हैं।’

सितंबर में लागू किए गए नए कृषि कानू’नों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान करीब एक महीने से प्रदर्श’न कर रहे हैं। किसानों का दावा है कि नए कानून मंडी प्रणाली को नष्ट कर देंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र को ख’त्म कर देंगे।

आं’दोलन में शामिल पंजाब के वकील ने की आ’त्मह’त्या

आं’दोलनकारी किसानों के समर्थन में आए पंजाब के एक वकील ने रविवार सुबह हरियाणा के बहादुरगढ़ में जह’रीला पदार्थ निगल लिया। पीजीआइ (रोहतक) में उनकी मौ’त हो गई। उनके पास से सु’साइड नोट के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को लिखा एक पत्र ब’रामद हुआ है। जिसमें उन्होंने तीनों कृषि कानू’नों को किसान विरो’धी बताया है और कहा है कि किसान, मजदूर और आम आदमी की रोटी मत छीनिए।

टीकरी बार्डर से करीब सात किलोमीटर दूर पकौड़ा चौक के पास किसान आं’दोलन में शामिल वकील अमरजीत सिंह ने जह’रीला पदार्थ निगल लिया। हाल’त बिग’ड़ती देख उनके सहयोगी उन्हें तुरंत बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल लेकर गए। प्राथमिक दवा देने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें पीजीआइ- रोहतक रेफर कर दिया, जहां उन्हें मृ’त घोषित कर दिया गया।