मध्य प्रदेश के कटनी में सोमवार को गृहस्थ संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री ‘दद्दा’ की अंतिम यात्रा में लाकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियाँ उड़ाई गईं। ‘दद्दा’ के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में अनुयायियों की भीड़ उमड़ी। प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। फिल्म स्टार आशुतोष राणा और राजपाल यादव ने भी अपने आध्यात्मिक गुरू को कंधा दिया।
कौन थे संत प्रभाकर शास्त्री?
बता दें, 85 वर्षीय संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री के अनुयायी देश भर में हैं। बीते कुछ दिनों से वह बीमार थे। आठ मई को उन्हें पैरालिसिस का अटैक आया था। संत का दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चला था। उन्हें एम्स में भी दिखलाया गया था। वहाँ ठीक नहीं होने के बाद शनिवार को उन्हें एअर एंबुलेंस से जबलपुर लाया गया था और जबलपुर से गृह नगर कटनी ले जाया गया था।
रविवार शाम करीब साढ़े आठ बजे संत जी ने अंतिम सांसें लीं। उनकी मृ’’त्यु की सूचना आते ही कटनी शहर और अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। लाकडाउन के बावजूद अनुयायियों के पहुँचने का सिलसिला तेज़ हो गया था। कटनी ज़िला प्रशासन इसे लेकर बेहद चिंतित था। अंतिम यात्रा में ज्यादा भीड़ ना जुट पाये, इसके लिए दद्दा की अंतिम यात्रा के लिए दो बजे का समय बताया गया था।
अंतिम यात्रा में भारी भीड़
प्रशासन के अनुरोध पर अंतिम यात्रा सुबह साढ़े दस बजे निकाली गई। इसके बावजूद हजारों की संख्या में अनुयायी जुट गये। अंतिम यात्रा में शामिल लोगों से प्रशासन बार-बार सोशल डिस्टैंसिंग के पालन का अनुरो’ध करता रहा, लेकिन ज़बरदस्त भी’ड़ की वजह से इसका पालन नहीं हो सका।
Thousands gathered in Katni during the last rites of noted spiritual leader ''Daddaji'', including politicians from congress-BJP, violating #SocialDistancing norms @ndtv@SreenivasanJain @ndtvindia #Lockdown4 #lockdown4guidelines #COVID19 #MigrantWorkers @INCIndia @BJP4India pic.twitter.com/ihro2RRN7a
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 18, 2020
आशुतोष राणा और राजपाल यादव के अलावा बीजेपी के विधायक संजय पाठक ने भी ‘दद्दा’ की पार्थिव देह को कांधा दिया। दद्दा द्वारा कटनी में बनवाये गये वृद्ध आश्रम में राजकीय सम्मान के साथ उनकी अं’त्येष्टि की गई। बेटे अनिल त्रिपाठी ने मुखाग्नि दी।
सेलेब्रिटी भक्त
फिल्म स्टार आशुतोष राणा और राजपाल यादव ‘दद्दा’ के बड़े भक्तों में शुमार हैं। शिवराज सरकार में मंत्री रहे संजय पाठक का नाता भी ‘दद्दा’ के सबसे बड़े शिष्यों वाला था। ‘दद्दा’ जब से बीमार पड़े थे तब से संजय पाठक और आशुतोष राणा मुख्य रूप से उनकी सेवा में जुटे हुए थे। राणा तो पिछले करीब डेढ़ महीनों से अपना काम-काज छोड़कर कटनी और दिल्ली में ही बने हुए थे।
‘दद्दा’ की पत्नी का करीब महीने भर पहले आ’कस्मिक नि’धन हुआ था। पत्नी के नि’धन के बाद से वह बीमार थे।
प्रशासन पर उठते सवाल
बहरहाल, कटनी में ‘दद्दा’ की अंतिम यात्रा और उन्हें पंचतत्व में विलीन किये जाने के दौरान जुटी अनुयायियों की भीड़ को लेकर ज़िला प्रशासन और सरकार सवालों के घेरे में है।
शिवराज, कमलनाथ, दिग्विजय ने जताया शोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह ने भी पंडित देव प्रभाकर शास्त्री के निधन पर गहरा शोक जताते हुए उनके निधन को आध्यात्मिक क्षेत्र की बड़ी क्षति बताया।
शिवराज की पत्नी पहुँची थी कटनी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की पत्नी साधना सिंह भी दद्दा का कुशल क्षेम जानने के लिए रविवार दोपहर को कटनी पहुँची थीं। रविवार को ही कटनी पहुँचने वाले जाने-माने चेहरों में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव समेत दर्जनों लोग थे। रविवार को कटनी में जुटी भीड़ को लेकर भी सवाल उठाये गये थे।