पूर्वोत्तर के दो राज्यों (असम और मिजोरम) के बीच जारी सीमा विवा’द के बीच मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले में हिमंत बिस्वा सरमा प्रशासन के छह शीर्ष अधिकारियों के अलावा करीब 200 अज्ञात पुलिस कर्मियों को भी नामजद किया गया है.
will be very happy to join in any investigation. But why the case is not being handed over to a neutral agency, especially when the place of occurrence is well within the constitutional territory of Assam? Have already conveyed this to @ZoramthangaCM ji https://t.co/v4eDi84isL
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 31, 2021
जिन पुलि’सकर्मियों के खिला’फ के’स दर्ज किया गया है, उनमें एक महानिरीक्षक (IG), एक उप महानिरीक्षक (DIG) और एक पुलिस अधीक्षक (SP) शामिल हैं. इनके अलावा कछार जिला उपायुक्त को भी नामजद किया गया है. मामला मिजोरम के कोलासिब जिले के वै’रेंगटे पु’लिस स्टेशन में दर्ज किया गया है, जो असम के कछार की सीमा से सटा है.
इससे पहले दिन में, असम पु’लिस ने कुछ सांसदों सहित मिजोरम के कई प्रमुख चेहरों को समन जारी किया था. पु’लिस ने समन जारी करने के लिए नई दिल्ली में सांसदों के आवास पर भी पहुंची थी.
मिज़ोरम पुलिस की तरफ़ से असम के मुख्यमंत्री पर FIR , अमित शाह को करारा तमाचा है और नरेंद्र मोदी की अक्षमता का जीता जागता उदाहरण है।
मोदी-शाह के नेतृत्व वाला ये #TukdeTukdeGang भारत को बर्बाद करने पर तुला है। https://t.co/VQuLmYz2Ia
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 31, 2021
दोनों राज्यों में दशकों से सीमा को लेकर मतभेद रहे हैं, लेकिन इस हफ्ते भड़के वि’वाद ने नया रूप ले लिया है. सोमवार को इन दोनों जिलों के बीच सी’मावर्ती इलाके में हिं’सा भड़क गई, जिसमें असम के छह पुलि’सकर्मियों की मौ’त हो गई और कई अन्य घा’यल हो गए. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की गई अपील के बाद अब हिं’सा प्रभावित इलाकों में एक असहज शांति बनी हुई है. केंद्रीय रिजर्व पु’लिस ब’ल ने इन क्षेत्रों में अपनी तैनाती बढ़ा दी है, जिसमें असम और मिजोरम के पुलि’स बलों’ के बीच केंद्रीय बलों की पांच कंपनियां (कुल 500 सैनिक) खड़ी हैं.
70 साल में ये सब जो पहली बार हो रहा है उसका ‘श्रेय’ कौन लेगा?! https://t.co/ZEYmVdpEPG
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) July 31, 2021
इस घटना पर असम सीएम ने कहा कि उन्हें खुशी होगी, जब वह की जांच में शामिल होंगे. उन्होंने मिजोरम सीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया, “किसी भी जांच में शामिल होने में बहुत खुशी होगी। लेकिन मामला एक तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है, खासकर जब घटना की जगह असम के संवैधानिक क्षेत्र के भीतर है? इसे पहले ही बता चुके हैं @ZoramthangaCM जी”
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि “मिजोरम पुलि’स की ओर से असम के सीएम पर एफआ’ईआर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को करा’रा तमाचा है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अक्ष’मता का जी’ता जागता उदाहरण है.
विनोद कापड़ी ने कहा कि मोदी और शाह के नेतृत्व वाला यह टुकड़े टुकड़े गैं’ग भारत को बर्बा’द करने पर तुला हुआ है.
वहीं वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी इस मामले में कहा कि 70 सालों में ये सभी चीजें जो पहली बार हो रही हैं, उसका श्रेय कौन लेगा ?