मायावती की बसपा के अघोषित साथ ने बीजेपी को बनाया सिकंदर, समझिये ये पूरी रणनीति…

उत्तर प्रदेश के चुनावी रण का नतीजा आ चुका है और बीजेपी अव्वल नंबरों से इस इम्तिहान में पास हो चुकी है. सभी नतीजे आ चुके हैं और अकेले बीजेपी ने 403 विधानसभा सीटों में से 255 पर जीत हासिल कर बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर चुकी है.

इसके सहयोगियों अपना दल और निषाद पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है और क्रमशः 12 और 6 सीटों पर जीत हासिल की है. इस तरह कुल मिलाकर बीजेपी गठबंधन ने यूपी में 273 सीटों पर कब्जा कर लिया है.

BSP का प्रदर्शन रहा चौंकाने वाला

यूपी में समाजवादी पार्टी जो 403 में से 400 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी वो इस चुनाव में 111 सीटों पर जीती है और बीजेपी से काफी पीछे रही है. वहीं एक समय में उत्तर प्रदेश की सत्ता का केंद्र बिंदु रही बहुजन समाजवादी पार्टी को सिर्फ 1 सीट मिली है वर्ना उनका खाता भी खुलना मुश्किल था.

बसपा का ये प्रदर्शन वाकई चौंकाने वाला है और मायावती जैसी कद्दावर नेता की पार्टी अपने प्रमुख राज्य में इस तरह गोता लगाएगी, इस बात की बहुत ज्यादा आशंका नहीं थी.

हालांकि एक बात जो अब चुनावी नतीजों के आधार पर सामने आ रही है वो ये है कि बीजेपी को बसपा का अघोषित साथ इन चुनावों में मिला है.

यूपी में बीजेपी को सपा ने जितना नुकसान पहुंचाया उसकी भरपाई बसपा ने कर दी

पूरे यूपी चुनाव के दौरान मायावती जितनी साइलेंट दिखीं, वो वाकई हैरान कर देने वाला था और इसका पूरा फायदा बीजेपी को मिला है, ऐसा कहा जा सकता है.

भले ही बसपा ने इस चुनाव में 1 सीट जीती है लेकिन उसके कई  उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया और खासकर उन इलाकों में सपा का वोट प्रतिशत कम किया जहां सपा और बसपा के उम्मीदवार समान जाति के थे.

बसपा का अघोषित साथ। बसपा ने 122 सीटों पर ऐसे उम्मीदवार खड़े किए, जो सपा के उम्मीदवार की ही जाति के थे। इनमें 91 मुस्लिम बहुल, 15 यादव बहुत सीटें थीं। ये ऐसी सीटें थीं, जिसमें सपा की जीत की प्रबल संभावना थी।

इन 122 में 68 सीटें भाजपा गठबंधन ने जीती। मायावती ने बसपा के जीतने से ज्यादा जोर भाजपा को जिताने में लगाया, तभी तो कभी यूपी में सरकार बनाने वाली बसपा सिर्फ एक सीट तक सिमट गई।

नतीजों से साफ हुआ है कि सपा और बसपा के उम्मीदवारों के बीच जातिगत वोट बंटा है और इसका सीधा फायदा बीजेपी के उम्मीदवारों को मिला और वो जीत गए.

पूरे चुनाव के दौरान बसपा के निशा’ने पर थी सपा, बीजेपी पर नहीं हुई आ’क्राम’क

पूरे यूपी चुनाव के दौरान बसपा ने अपनी सभाओं और रैलियों में सपा को निशाने पर रखा और बीजेपी पर ज्यादा आक्रामक वार नहीं किए. इसका भी सपा को नुकसान हुआ और बीजेपी को फायदा मिला है. बीएसपी का दलित वोट इस बार काफी हद तक बीजेपी के पक्ष में दिखा.

एसपी ने बीजेपी को जितना नुकसान पहुंचाया है, उसकी भरपाई इस बार बीएसपी ने कर दी है और कहा जा सकता है कि बीएसपी ने अपनी रणनीति के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को फायदा पहुंचाया जिसका प्रमाण चुनावी नतीजों में देखने को मिला है.