देश में कोरो’ना वा’यरस बहुत तेजी से फैल रहा है। हर दिन सैकड़ों की तादात में लोग इस खतर’नाक वा’यरस की चपेट में आ रहे हैं। इसके प्रकोप को कम करने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। लॉकडाउन और कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की है।
इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। इस दौरान सिंह ने चार-चार मुख्यमंत्रियों को सियासी पाठ भी पढ़ाया और सरकार से सवाल पूछने को कहा। मनमोहन सिंह ने कहा कि 17 मई के बाद जो भी रणनीति बनती है, उसमें मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को विचार करने और यह पूछने की आवश्यकता है कि देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार की क्या रणनीति है ?
सिंह ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या होगा? राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी लॉकडाउन 3.0 के बाद की रणनीति के बारें में जानकारी होनी चाहिए, उन्हें केंद्र सरकार से ये पूछना चाहिए।
बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पुदुचेरी के सीएम नारायणसामी ने राहत पैकेज की मांग की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन पर केंद्र के दृष्टिकोण की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि हमने दो समितियों का गठन किया है, एक लॉकडाउन के एग्जिट प्लान के लिए और दूसरी आर्थिक पुनरुद्धार के बारे में रणनीति बनाने के लिए। दिल्ली के लोग बैठकर बगैर जाने जोनों के वर्गीकरण का फैसला कर रहे हैं।
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां 80% लघु उद्योग फिर से शुरू हो गए हैं और लगभग 85,000 मजदूर काम पर लौट आए हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के साथ लड़ाई में बुजुर्गों, डायबिटिक और हार्ट मरीजों को बचाना अहम है। वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्यों के सामने वित्तीय संकट गहराता जा रहा है, केंद्र सरकार की ओर से कोई धन आवंटित नहीं किया जा रहा है।